रूस और यूक्रेन के बीच अमेरिका के जरूरी बना है तेल का खेल, जानें- क्या है पूरा मामला और एक्सपर्ट व्यू
रूस और यूक्रेन के बीच जो विवाद छिड़ा है उसकी जहां एक वजह क्रीमिया बना है वहीं दूसरी तरफ नाटो भी बना है। इसके अलावा एक तीसरी वजह यूरोप में होने वाली रूस की गैस और तेल की सप्लाई है। फिलहाल यही वजह सबसे बड़ी है और अमेरिका इस वजह को छिपा रूस और यूक्रेन के बीच के तनाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्थित सेंटर फार रशियन, सेंट्रल एशियन स्टडीज Centre for Russian, Central Asian Studies (CR&CAS) की प्रोफेसर अनुराधा शिनोए का यही मानना है।
प्रोफेसर शिनोए का कहना है कि समूचा यूरोप रूस की गैस और तेल सप्लाई पर निर्भर करता है। अमेरिका इस तनाव के बहाने चाहता है कि यूरोप में हो रही इस सप्लाई को खत्म किया जाना चाहिए। उनके मुताबिक अमेरिका कहीं न कहीं चाहता है कि यूरोप में जो गैस और तेल सप्लाई रूस से की जा रही है वो अमेरिका से की जानी चाहिए। रूस और यूक्रेन में बढ़ रहे तनाव को अमेरिका और भड़काना चाहता है। कहीं न कहीं अमेरिका ने अपनी मंशा को पूरा करने के लिए जतन भी शुरू कर दिए हैं।
अमेरिका ने जर्मनी जो यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है पर इस बात का दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि वो रूस की नार्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन को मंजूरी न देने की अपील कर चुका है। यूरोप के कई दूसरे देशों को भी अमेरिका इस मुद्दे पर अपने साथ मिला चुका है। यूरोप के देश अमेरिका के साथ मिलकर जर्मनी पर लगातार इस बात का दबाव बना रहे हैं, वो इस गैस पाइपलाइन को मंजूरी न दे। आपको बता दें कि रूस प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। अमेरिका अपने हितों को साधने के लिए इस बात की पूरी कोशिश कर रहा है कि ये तनाव किसी भी सूरत से कम न हो सके।