RBI के गवर्नर ने Cryptocurrency को बताया मैक्रो-इकोनॉमी के लिए बड़ा खतरा, जानिए क्या है इस करंसी का भविष्य
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फिर दोहराया कि Cryptocurrency भारत की मैक्रो आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने साफ किया कि Bitocoin या दूसरी क्रिप्टोकरंसी को लेकर उनके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि RBI को इस भारी उतार- चढ़ाव वाली मुद्रा को लेकर उसकी बड़ी चिंताएं हैं।
बता दें कि बजट 2022 में भारतीय डिजिटल करंसी पेश करने का ऐलान हुआ है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। इस बार बजट में Cryptocurrency जैसे वर्चुअल डिजिटल एसेट पर 30 फीसद टैक्स लगाने की बात है। इसके अलावा वर्चुअली डिजिटली एसेट्स को ट्रांसफर करने पर 1% TDS भी देना होगा।
RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) के बाद प्रेस से बातचीत में दास ने कहा कि आरबीआई इसे लेकर नहीं बदला है। इस संबंध में हमारा सर्कुलर स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट करता है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने आभासी मुद्रा को लेकर सबसे पहले 2018 में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें लोगों को आभासी मुद्रा में निवेश को लेकर सावधान किया गया था। केन्द्रीय बैंक का कहना था कि इस मुद्रा की कोई सावरेन पहचान (सरकारी मान्यता) नहीं है।
रिजर्व बैंक ने उसके नियमन के तहत आने वाली इकाइयों को इस तरह के किसी भी साधन में लेनदेन करने से रोक दिया था। लेकिन 2020 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने उसके सर्कुलर को खारिज कर दिया। दास ने कहा था कि इस संबंध में रिजर्व बैंक ने जो अधिसूचना जारी की है, वह जरूरी हो गई थी क्योंकि कुछ बैंक पुराने सुर्कलर का जिक्र कर रहे थे, जिसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। इस लिए संशोधित अधिसूचना जारी की गई थी। जहां तक रिजर्व बैंक की बात है (आभासी मुद्रा पर), मैं पहले भी कह चुका हूं, आभासी मुद्रा को लेकर हमारी बड़ी चिंतायें हैं और यह बात हमने सरकार को भी बता दी है।