‘नए नेताओं को हल्दी की गांठ क्या मिल जाती है, खुद को पंसारी समझ लेते हैं’, जानिए ऐसा क्यों बोलीं वसुंधरा राजे
सूरतगढ़: जिस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावर थे, अब उसे लेकर बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने उनपर हमला बोला है। वसुंधरा राजे ने कहा कि कई लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं कि ‘वो तो मिले हुए है।’ मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि जिनसे मुझे कर्णभेदी और अमर्यादित भाषा सुनने को मिली हो उनसे मिलीभगत कैसे हो सकती है? उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या दूध और नीबू रस आपस में कभी मिल सकते हैं?
कई लोगों को निन्दा और झूठे आरोप लगाए बिना नींद ही नहीं आती – वसुंधरा राजे
इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इशारों ही इशारों में अपने विरोधियों पर जमकर प्रहार किए। उन्होंने कहा कि विश्नोई समाज के 29 नियमों में से 13वां नियम निंदा नहीं करना व 14 वां नियम झूठ नहीं बोलना है, लेकिन कई लोगों को निन्दा और झूठे आरोप लगाए बिना नींद ही नहीं आती। उन्होंने कहा कि कई लोग षड्यन्त्रपूर्वक एक ही झूठ बोलते आ रहे हैं रहें हैं कि वो तो मिले हुए हैं, उनमें तो मिलीभगत है’। पूर्व सीएम ने कहा कि जिनसे सिद्धांत नहीं मिलते, जिनसे विचारधारा नहीं मिलती, जिनसे रोज़-रोज़ कर्णभेदी व अमर्यादित भाषा सुनने को मिली हों, उनसे मिलीभगत कैसे सम्भव है। क्या कभी दूध और नीबू रस आपस में मिल सकते हैं?
जो व्यक्ति क्षमा करने योग्य ना हो उसे क्षमा नहीं करना चाहिए- वसुंधरा राजे
उन्होंने कहा कि विश्नोई समाज के 20 वें नियम में है कि अहंकार का त्याग। जो नए-नए राजनीतिज्ञों में होता है। हल्दी की गांठ क्या मिल जाती है, पंसारी समझ लेते हैं कि न छोटों से अच्छा व्यवहार और न बड़ों का सम्मान, लेकिन हमारी पार्टी में ऐसा नहीं है। वे बोली विश्नोई समाज का 10वां नियम है जब कोई व्यक्ति क्षमा करने योग्य ना हो उसे क्षमा नहीं करना चाहिए। पूर्व सीएम ने कहा कि 12वां नियम है कि चोरी नहीं करना। भ्रष्टाचार एक क़िस्म की चोरी ही है। जहां बिना पैसे काम नहीं होते वहां महंगाई कैसे कम होगी?
अशोक गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंप पर हमला बोलते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि अगर आपको कैंप लगाना ही है तो भ्रष्टाचार राहत कैंप लगाओ। इससे महंगाई अपने आप ही कम हो जाएगी। पूर्व सीएम ने कहा कि सम्पूर्ण समाज का जो भला कर सके, ऐसे लोगों का ही साथ दो ताकि हम आपकी फिर से सेवा कर सकें।