25 November, 2024 (Monday)

अहमदाबाद में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, आयकर विभाग के इस बड़े अधिकारी को किया गिरफ्तार

अहमदाबाद: केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने सोमवार को गुजरात के अहमदाबाद में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक आयकर विभाग के अधिकारी को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने 30 लाख रुपये की रिश्वतखोरी से जुड़े एक मामले की चल रही जांच में इनकम टैक्स, अहमदाबाद के पूर्व सहायक आयुक्त को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार एजेंसी द्वारा गिरफ्तार आरोपी विवेक जौहरी आयकर विभाग में सहायक आयकर आयुक्त पद पर तैनात था। सीबीआई ने अधिकारी को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है।

अधिकारी को भागने में की थी मदद 

सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि तत्कालीन सहायक आयकर आयुक्त ने गुजरात राज्य के एसीबी द्वारा 04.10.2022 को जालसाजी की कार्यवाही के दौरान हंगामा करके मदद करके उक्त अतिरिक्त आयुक्त को उनके कार्यालय से भागने में मदद की थी। इसके साथ ही तत्कालीन अतिरिक्त आयकर आयुक्त (सेंट्रल रेंज-I), अहमदाबाद ने राज्य एसीबी की पकड़ से बचने से पहले उक्त सहायक आयुक्त को दो मोबाइल हैंडसेट सौंपे थे, जिसे उसने साबरमती नदी में फेंककर बर्बाद कर दिया था।

आरोपी को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेजा 

हालांकि सीबीआई ने गोताखोरों और अन्य एजेंसियों की मदद से साबरमती नदी से दोनों मोबाइल को बरामद कर लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को सीबीआई की विशेष अदालत, अहमदाबाद के समक्ष पेश किया गया और उसे 17.04.2023 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

मुख्य आरोपी IRS अधिकारी संतोष करनानी की अग्रिम जमानत जब्त 

बता दें कि 30 लाख की घूस लेने के मुख्य आरोपी IRS अधिकारी संतोष करनानी की मुश्किलें बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने संतोष करनानी को गुजरात हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत रद्द कर दी है। बता दें कि करनानी के खिलाफ CBI ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर करनानी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को कोर्ट के सामने उठाया था और जल्द ही अगली सुनवाई करने का आग्रह किया था।

दरअसल, सीबीआई ने गुजरात हाईकोर्ट द्वारा 19 दिसंबर 2022 को करनानी को दी गई अग्रिम जमानत के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। सीबीआई ने याचिका में कहा था कि गुजरात की एसीबी ने अधिकारी को एक बिल्डर से 30 लाख रुपये की घूस लेते हुए आरोपी बनाया था। बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

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