राष्ट्रपति ट्रंप का राहत देने वाला ट्वीट, अमेरिका में मॉडर्ना वैक्सीन का वितरण तत्काल प्रभाव से शुरू
दुनियाभर में कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन का ट्रायल जारी है। इस बीच अमेरिका के फूड एंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन के एक पैनल ने मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। पैनल ने इसे कोरोना वायरस से निपटने का दूसरा विकल्प बताया है। बता दें अमेरिका में फाइजर के बाद मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी प्रदान की गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वैक्सीन का वितरण तत्काल प्रभाव से शुरू हो जाएगा।
इसके पूर्व अमेरिका में फाइजर द्वारा विकसित वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान की गई थी। सीमित संख्या में उपलब्ध होने के कारण वैक्सीन की खुराक ज्यादातर स्वास्थ्य कर्मियों को दी जा रही है। यह वैक्सीन काफी हद तक फाइजर और जर्मनी के BioNtech की बनाई गई वैक्सीन के समान है। इन वैक्सीन पर किए जा रहे शुरुआती शोधों के मुताबिक दोनों वैक्सीन सुरक्षित है। हालांकि, मॉडर्ना वैक्सीन का रखरखाव बेहद आसान है। इस वैक्सीन को फाइजर की तरह -75 डिग्री सेल्सियस में रखने की जरूरत नहीं है।
दोनों वैक्सीन के रखरखाव में काफी अंतर है। फाइजर को माइनस -75 डिग्री सेल्सियस में रखना होता है। यह टीका किसी भी वैक्सीन की तुलना में लगभग 50 डिग्री अधिक ठंडा होना चाहिए। फाइजर का टीका अस्पतालों के साथ ही प्रमुख संस्थानों के लिए अधिक इस्तेमाल किया जा सकता है। मॉडर्ना की खासियत यह है कि इस वैक्सीन को सुपर कोल्ड तापमान में रखने की आवश्यकता नहीं होती है। इस वैक्सीन को माइनस -20 डिग्री सेल्सियस पर या घर के फ्रीजर के तापमान में रख सकते हैं। मॉडर्ना की वैक्सीन स्थानीय श्रृंखला या फार्मासिस्ट जैसी छोटी सुविधाओं के लिए अधिक उपयोगी हो सकती है। गौरतलब है कि फाइजर वैक्सीन 16 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी और मॉडर्ना 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जाएगी।