पुलिस ने ऐसे की कार्रवाई, एक साल में साइबर फ्राड के साढ़े 12 लाख रुपये कराए वापस Aligarh News
साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ने के बाद पुलिस जितना जोर जागरूकता पर दे रही है, उतना ही विवेचता में भी तेजी लाई जा रही है। जरा सी लापरवाही के चलते लोग साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं। बैंक और थाने के चक्कर काटने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचता। ऐसे में रकम की वापसी होना नामुमकिन ही लगता है। लेकिन, अलीगढ़ पुलिस की साइबर सेल ने पिछले साल में साइबर ठगी के 12 लाख रुपये रिफंड कराए हैं। ये रुपये 22 मामलों में विवेचना के बाद वापस कराए गए हैं।
शातिरों ने नए-नए तरीकों से ठगी की
लाकडाउन में शातिरों ने नए-नए तरीकों से ठगी की। इसमें अज्ञात काल से लोगों को झांसे में लेने के मामले सबसे ज्यादा सामने आए। कोई ओटीपी देकर ठगी का शिकार हुआ तो किसी के साथ नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी हो गई। पुलिस की साइबर सेल ने बड़े मामलों की विवेचना करके रुपये भी वापस कराए हैं। एसपी क्राइम डा. अरविंद कुमार ने बताया कि 22 मामलों में करीब साढ़े 12 लाख रुपये रिफंड कराए गए हैं।
इन लोगों के रुपये कराए गए वापस
एसपी क्राइम ने बताया कि क्वार्सी क्षेत्र के नितिन गुप्ता के एक लाख सात हजार रुपये, सासनीगेट निवासी रविंद्र कुमार के एक साल रुपये, जनकपुरी निवासी सुरभि विजय के 69 हजार 498 रुपये, अदिति संघल के 67 हजार 70 रुपये, संजय गांधी कालोनी निवासी नेहा के 18 हजार रुपये, हरदुआगंज के बरौठ निवासी कृष्णा कुमारी के 10 हजार रुपये, अतरौली में बैंक मैनेजर प्रदीप कुमार गौतम के एक लाख तीन हजार 840 रुपये, अवधेश पांडेय के 47 हजार 990 रुपये, यथेष्ट कुमार के दो लाख 55 हजार रुपये, सिद्धार्थ देव के 24 हजार 998 रुपये, उमाशंकर के 40 हजार रुपये, अजहर खान के 60 हजार रुपये, कलामउद्दीन के 53 हजार 502 रुपये, डा. रेखा सारस्वत के 32 हजार 164 रुपये, प्रवीन के 56 हजार 960 रुपये, देवेंद्र कुमार के 60 हजार रुपये, बच्चन सिंह के 31 हजार 600 रुपये, अभिषेक तोमर के 40 हजार रुपये, संजय यादव के 25 हजार रुपये, आसिफ अनवर के 16 हजार 990 रुपये, सोमन दोरजी के 19 हजार 989 रुपये व देवेंद्र शर्मा के साढ़े चार हजार रुपये वापस कराए गए हैं।
साइबर ठगी के मामलों में तेजी से विवेचना की जा रही हैं। इसमें शातिर तुरंत ही रकम को अन्य खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं। ऐसे में उन खातों को खंगालने में समय लगता है। साइबर सेल ने वर्ष 2020 में 22 मामलों में 12 लाख 53 हजार 526 रुपये रिफंड कराए हैं। अन्य मामलों करी विवेचना जारी है।