पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की तरह हर देशवासी करे ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ का नेतृत्व
देश में आजादी के 75वें साल का स्वागत आम जनता की ओर से राष्ट्रगान के द्वारा किया जाएगा। सरकार अधिक से अधिक लोगों को राष्ट्रगान का हिस्सा बनाने की तैयारी में जुट गई है। ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 79वें एपिसोड में इसकी जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़ने के लिए ‘राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम’ का मंत्र देकर लोगों से एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देने की अपील की। याद दिला दें कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 12 मार्च से ही पूरे देश में ‘अमृत महोत्सव’ कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विकास के लिए आजादी की लड़ाई के समय जैसी एकजुटता की जरूरत पर बल दिया। उनका संदेश साफ है कि विकास की गति को तेज करने के लिए हमें अपने छोटे-छोटे मतभेदों को छोड़ना होगा और साथ मिलकर काम करना होगा। देश में एकजुटता की भावना को बढ़ावा देने के प्रयासों को उन्होंने आंदोलन के रूप में चलाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि जैसे बापू के नेतृत्व में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ चला था, वैसे ही, आज हर देशवासी को ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ का नेतृत्व करना है।
अधिक से अधिक लोग मिलकर राष्ट्रगान को गाएं और अभियान का बनें हिस्सा
आजादी के 75वें साल का साक्षी बनने को सौभाग्य बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी शुरुआत सामूहिक राष्ट्रगान के साथ की जाएगी। इसके लिए संस्कृति मंत्रालय राष्ट्रगानडाटइन नाम से एक वेबसाइट तैयार कर रहा है। इस वेबसाइट की मदद से कोई भी व्यक्ति राष्ट्रगान गाते हुए अपना वीडियो रिकार्ड कर सकता है और उसे वेबसाइट पर अपलोड कर सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को इससे जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। सरकार की कोशिश होगी कि अधिक से अधिक लोग मिलकर राष्ट्रगान को गाएं और इस अभियान का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस तरह के कई और अभियान शुरू किए जाएंगे।
‘अमृत महोत्सव’ किसी सरकार का कार्यक्रम नहीं: पीएम मोदी
विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष की ओर से सरकार पर हो रहे हमलों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने ‘अमृत महोत्सव’ कार्यक्रमों को सरकारी आयोजन के रूप में देखे जाने के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने साफ कहा कि ‘अमृत महोत्सव’ किसी सरकार का कार्यक्रम नहीं, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं, यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है। हर स्वतंत्र और कृतज्ञ भारतीय का अपने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन है और इस महोत्सव की मूल भावना का विस्तार बहुत विशाल है। यह भावना है, अपने स्वाधीनता सेनानियों के मार्ग पर चलना और उनके सपनों का देश बनाना।