जान से खिलवाड़, एंटीबायोटिक की शीशी में बिक रहा था रेमडेसिविर इंजेक्शन
मरीजों की जिन्दगी से खिलवाड़ कर 98 रुपये के एंटीबायोटिक इंजेक्शन की शीशी पर रेमडेसिविर का रैपर लगाकर बेचने वाले दो दवा व्यापारियों व एक प्रिंटिग प्रेस के मालिक समेत पांच लोगों को अमीनाबाद पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। कालाबाजारी में इनके साथ लखनऊ के कई निजी अस्पतालों व सरकारी अस्पतालों के संविदा कर्मचारी शामिल है। इन सभी की तलाश की जा रही है। पकड़े गये लोगों के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन की 59 शीशी, पीआईपी एंटीबायोटिक 240 इंजेक्शन, 4224 रेमडेसिविर इंजेक्शन के रैपर और 82 हजार रुपये बरामद हुए हैं।
एडीसीपी पश्चिम राजेश श्रीवास्तव के मुताबिक पकड़े गये लोगों में पुरानी मेडिसिन मार्केट में लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के मालिक ठाकुरगंज निवासी मनीष तिवारी उर्फ तपन व उसका साला बालागंज निवासी विकास दीक्षित के अलावा ठाकुरगंज निवासी मोहित पांडेय, बहराइच के प्रवीण वर्मा और सीतापुर निवासी प्रिंटिग प्रेस मालिक अब्दुश सुफियान है। इन लोगों ने पूरा नेटवर्क लखनऊ व आस-पास के जिलों तक फैला रखा था।
छह हजार में अस्पताल के कर्मचारी को देते थे
इंस्पेक्टर अमीनाबाद आलोक राय के मुताबिक मनीष व विकास अपनी दुकान में इंजेक्शन का रैपर बदलवाते थे। अब्दुश अपनी प्रिंटिग प्रेस में रेमडेसिविर के रैपर की छपाई करता था। फिर शीशियों के रैपर बदल कर मनीष की फर्म में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशी तैयार कर दी जाती थी। फिर मनीष इन इंजेक्शनों को प्रवीण व मोहित को छह-छह हजार रुपये में देता था। प्रवीण अलीगंज स्थित इंदू हास्पिटल का कर्मचारी है। वह अपने अस्पताल के अन्य कर्मचारियों दीपांशू, मुकेश व संदीप की मदद से जरूरतमंदों को 20-30 हजार रुपये में बेच देता था। भर्ती मरीजों के तीमारदारों इनके सम्पर्क में रहते थे। एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि दीपांशू, मुकेश व संदीप फरार हैं। तीनों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
मरीजों की जान तक जा सकती
पुलिस अफसरों के मुताबिक डॉक्टरों ने बताया है कि एंटीबायोटिक इंजेक्शन वायरल संक्रमण होने पर दिया जा रहा है। पर, जिन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन बताकर इसकी डोज दी जा रही है वह घातक है। इससे मरीज की जान तक जा सकती है। एडीसीपी ने बताया कि इन सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगा।
गिरफ्तार दलाल-31 (ठाकुरगंज, नाका, गोमतीनगर, मानकनगर, अमीनाबाद से)
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद-512
असली इंजेक्शन बरामद-116
नकली रैपर-4224
मुख्य आरोपी-हर्षा अस्पताल का मालिक शहजाद, केजीएमयू व क्वीनमेरी के टेक्नीशियन, दवा व्यापारी मनीष तिवारी