25 November, 2024 (Monday)

PFI को लेकर मौलाना का बड़ा दावा, सुहैब कासमी बोले- शिक्षित मुसलमानों को निशाना बना रहा ये संगठन

केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया है। हालांकि, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक मौलाना सुहैब कासमी ने PFI को लेकर बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार भले ही पीएफआई पर शिकंजा कस दी है, लेकिन यह नए-नए नामों का इस्तेमाल कर युवाकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक मौलाना सुहैब कासमी ने कहा, “पीएफआई कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शिक्षित मुसलमानों को निशाना बना रहा है। यह स्कूलों और मदरसों में युवाओं को गुमराह करना चाहता है। सरकार ने इनकी नीयत पर पानी फेर दिया, ऐसे में अब पीएफआई अपना काम करने के लिए आधुनिक नामों का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है और मुसलमान यहां सालों से रह रहे हैं। छात्रों को पीएफआई जैसे संगठनों से सावधान रहने की जरुरत है।”

 

PFI के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी

गौरतलब है कि हाल ही में एनआईए (NIA), तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं। गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। पीएफआई के अलावा इसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है।

जांच एजेंसियों की सिफारिश पर लगा बैन

22 सितंबर और 27 सितंबर को NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे। दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए थे। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे। इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी। जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया।

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