किसान आंदोलनकारियों पर गंभीर आरोप, ग्रामीणों ने कहा ‘इनकी वजह से बहू-बेटियों का घरों से निकलना मुश्किल’
नई दिल्ली । दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोधी में धरना देकर बैठे आंदोलनकारियों के हिंसक व्यवहार को लेकर सोमवार को सेरसा गांव में आसपास के दर्जनभर गांव के लोगों की पंचायत हुई। कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर सात माह से आंदोलन चल रहा है। आंदोलनकारी जीटी रोड और आसपास के गांवों को जाने वाले रास्ते को बंद करके बैठे हैं। इसके कारण आसपास के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इसका विरोध करने पर आंदोलनकारी हिंसा पर उतारू हो गए हैं। दो दिन पूर्व ही सेरसा के ग्रामीण पर जानलेवा हमला करने को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को पंचायत की, जिसमें आसपास के दर्जनभर गांव के लोग शामिल हुए। लोगों का कहना है कि किसान आंदोलनकारियों की ज्यादती की वजह से गांव की बहू-बेटियों का घर से निकला मुश्किल हो गया है।
रोड खुलवाने को मुख्यमंत्री से मिलेंगे ग्रामीण
पंचायत में निर्णय लिया गया कि 20 जून को होने वाली महापंचायत के अलावा रोड खुलवाने की मांग को लेकर जल्द ही ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा। सेरसा गांव के रामनिवास पर शनिवार को अपने घर जाने के दौरान बैरिकेड्स के बगल से गाड़ी निकालने को लेकर आंदोलनकारियों ने जानलेवा हमला कर दिया था। उन्होंने करीब 200 मीटर दूर अपने जानकार के दुकान में छिपकर अपनी जान बचाई थी। ग्रामीणों पर हमले का यह पहला मामला नहीं था। इससे पहले भी आंदोलन में शामिल लोगों ने ग्रामीणों तलवार से हमला किया था। आंदोलनकारियों की मनमानी और जीटी रोड के साथ ही आसपास के गांवों में जाने वाले रास्ते को बंद करने से परेशानी झेल रहे सेरसा, जाटी, छोटी जाटी, दहिसरा, मनौली, खूर्मपुर, कुंडली, नाथूपुर, सबौली, जाखौली, राई, लिवासपुर के अलाव टीडीआइ के विभिन्न अपार्टमेंट्स में रहने वालों ने सेरसा में पंचायत की।