संसद में विपक्ष के आचरण की निंदा, कृषि मंत्री बोले- किसानों के प्रति है दर्द तो सुनें सरकार का जवाब
संसद के मानसून सत्र का सोमवार को छठा दिन है। आज भी विपक्ष के हंगामे से दोनों सदनों को बार-बार स्थगित करना पड़ रहा है। सत्र की शुरुआत से लेकर अब तक कुछ ही घंटों के लिए सदनों में कार्यवाही हो सकी है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन में विपक्ष को संबोधित कर कहा, ‘आज की कार्यसूची में गांव और किसान से संबंधित 15 से अधिक प्रश्न हैं। विपक्षी सदस्य किसानों के प्रति थोड़ा दर्द रखते हों तो उन्हें सरकार का जवाब सुनना चाहिए।’
वहीं राज्यसभा में सदन के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने सदन में विपक्ष के आचरण की निंदा की। उन्होंने कहा कि विपक्ष कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहा है और वेल में बगैर मास्क पहुंचकर नारेबाजी कर रहा है। वहीं संसदीय कार्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सोमवार को सदन में विपक्ष के हंगामे पर कहा, ‘जीरो आवर चलने देना चाहिए। उसमें हर विषय विपक्ष उठा सकता है।’ आज दोनों सदनों की शुरुआत में मॉरिशस के पूर्व राष्ट्रपति और 6 बार प्रधानमंत्री रहे अनिरुद्ध जगन्नाथ और जाम्बिया के पूर्व राष्ट्रपति कैनेथ कोंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस क्रम में सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था, ‘सरकार जवाब देना चाहती है। आप नारेबाजी करके जवाब मांग रहे हैं, यह उचित नहीं है।’ संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 19 जुलाई से हुई लेकिन कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी प्रकरण व पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर विपक्ष के हंगामे ने दोनों सदनों की कार्यवाही को बाधित कर रखा है। इस बीच आज भाजपा के संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी सांसदों से विपक्ष को सार्वजनिक तौर पर एक्सपोज करने की बात कही और यह भी कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है। पिछले हफ्ते भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में ऐतराज जताया था और विपक्षी पार्टियों को गैरजिम्मेदार बताया था।