पाकिस्तान: पंजाब प्रांत में सीटों को लेकर समझौते पर पहुंची पीपीपी
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने पंजाब प्रांत में मंत्रियों के विभागों को लेकर समझौता कर लिया है।
समाचार पत्र ‘डान’ने रविवार को यह खबर दी।
पीपीपी फिलहाल राज्यपाल और स्पीकर की कुर्सी के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के नेतृत्व पर जोर नहीं दे रहा है क्योंकि वह इन पदों को अपने लिए रखना चाह रहा है। इस पर लंबे अर्से से उसकी नजर थी।
मीडिया रिपोर्ट में हालांकि यह कहा जा रहा है कि पीपीपी के द्वारा पहले राज्यपाल पद के लिए नामित मखदूम अहमद महमूद कथित तौर पर इस फैसले से नाराज हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 17 अप्रैल को पंजाब के राज्यपाल के तौर पर महमूद के नाम को सुझाया था। राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने 15 दिनों तक इसे अपने पास रखने के बाद बिना किसी फैसले के उनके प्रस्ताव को लौटा दिया। श्री शरीफ ने शनिवार को उस सुझाव का फिर से समर्थन किया जिसमें मौजूदा गवर्नर उमर सरफराज चीमा को हटाकर बहावलपुर से पीएमएल-एन के वफादार बालीघुर रहमान को नियुक्त करने की मांग की गई थी।
पीएमएल-एन ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि अगर श्री अल्वी ने 10 दिनों के भीतर प्रधानमंत्री की सिफारिश पर कार्रवाई नहीं की तो श्री रहमान अपने आप राज्यपाल बन जाएंगे। शाहिद खाकान अब्बासी की कैबिनेट में मंत्री रहे श्री रहमान ने कहा था, “प्रधानमंत्री ने पंजाब के राज्यपाल के लिए मेरे नाम की सिफारिश करते हुए राष्ट्रपति को एक नोट भेजा है। और उम्मीद है कि राष्ट्रपति उसे स्वीकार करेंगे।”
पीपीपी के एक सूत्र ने कहा, ‘गठबंधन वाले दलों के सरकार संभालने से पहले पीएमएल-एन ने राज्यपाल का पद पीपीपी को देने पर सहमति जताई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह पीछे हट गई। पीएमएल-एन इस तरह की राजनीति के लिए जानी जाती है।’
सीनेट में विपक्ष के नेता यूसुफ रजा गिलानी, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ, पीएम के सलाहकार कमर जमां कैरा और पंजाब विधानसभा के संसदीय नेता पीपीपी के हसन मुर्तजा ने यहां मुख्यमंत्री हमजा शहबाज से शनिवार को मुलाकात की और सत्ता के बंटवारे के फार्मूले पर चर्चा की।