24 November, 2024 (Sunday)

‘और कर्ज मांगना मेरे लिए शर्मनाक’, पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ बोले- लेना है, उसे लौटाना भी है

पाकिस्तान इस वक्त गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की मदद के लिए सऊदी अरब, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान जैसे देश आगे आए हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि उनके लिए और कर्ज मांगना शर्मनाक है। उनका कहना है कि कर्ज देश के सामने मौजूद आर्थिक चुनौतियों का समाधान नहीं है, क्योंकि जिससे लेना है, उसे लौटाना भी है।

इस बीच, पाकिस्तान के पीएम ने वित्तीय सहायता के लिए सऊदी अरब को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षो के दौरान विभिन्न सरकारें, चाहे राजनीतिक नेतृत्व के नेतृत्व में हों या सैन्य तानाशाहों की, आर्थिक मुद्दों का समाधान नहीं कर सकी हैं। प्रधानमंत्री ने शनिवार को पाकिस्तान प्रशासनिक सेवा (पीएएस) के प्रोबेशनरी अधिकारियों के पासिंग आउट समारोह को संबोधित करते हुए लोक सेवकों से देश को मजबूत बनाने की अपील की है।

‘विरोध प्रदशनों पर समय बर्बाद किया गया’

पीएम शहबाज शरीफ ने मित्र देशों को फंड देने की अपनी मांग पर खेद प्रकट करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें और कर्ज मांगने में सच में शर्मिदगी महसूस हुई। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “अतीत में अराजकता और विरोध प्रदशनों पर समय बर्बाद किया गया था।” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त किया जाता, तो विदेशों से कर्ज से लेने से बचा जा सकता था और अर्थव्यवस्था की बस सही रास्ते पर, तेज गति से आगे बढ़ सकती थी।”

गौरतलब है कि पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा भंडार 22.11 फीसदी की गिरावट के बाद फरवरी 2014 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गया है, जिससे आयात के वित्तपोषण में देश के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है। 350 अरब रुपये की अर्थव्यवस्था वाले देश को अपने चालू खाता घाटे को कम करने के साथ-साथ अपने ऋण दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने के लिए विदेशी सहायता की सख्त जरुरत है।

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