रानीबाग-नैनीताल रोप-वे मामले में एनएचएआई से मांगी गयी राय
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार को प्रस्तावित रानीबाग-नैनीताल रज्जू मार्ग (रोप-वे) के मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को 18 मई तक विशेषज्ञ राय (एक्सपर्ट ओपिनियन) रखने को कहा है।
मशहूर पर्यावरणविद् अजय रावत की ओर से दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में आया कि एनएचएआई की ओर से भी देश में विभिन्न जगहों पर रोप-वे का निर्माण किया जा रहा है। प्रस्तावित रोप-वे के मामले में एनएचएआई का पक्ष जानना बेहत होगा।
इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को एनएचएआई को पक्षकार बनाने के निर्देश दिये और एनएचएआई से कहा कि वह आगामी 18 मई तक अपना पक्ष रखे।
याचिकाकर्ता की ओर से सन् 2019 में एक जनहित याचिका के माध्यम से प्रस्तावित रोप-वे के मामले को चुनौती दी गयी है। याचिका में कहा गया कि जिस स्थान पर रोप-वे का निर्माण किया जा रहा है, वह भूगर्भीय दृष्टि से काफी संवेदनशील है। निहाल नाला व बलियानाला के बीच पहाड़ियों में लगातार कटाव होता जा रहा है। योजना को अंतिम रूप देने से पहले इसका ठोस अध्ययन किया जाना चाहिए।