उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट से दबाव में आया अमेरिका! राष्ट्रपति बाइडन बोले- बिना शर्त सीधी वार्ता करना चाहते हैं हम
उत्तर कोरिया द्वारा किए गए किए गए सबसे बड़े मिसाइल परीक्षण का असर अब साफतौर पर दिखाई देने लगा है। सोमवार को तड़के किए गए इस बैलेस्टिक मिसाइल टेस्ट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वो उत्तर कोरिया से बिना शर्त बात करना चाहता हैं। इसको देखते हुए लगने लगा है कि उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट से अमेरिका पर बातचीत का दबाव भी बढ़ रहा है। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया द्वारा किए गए इस मिसाइल टेस्ट को वर्ष 2017 के बाद सबसे बड़ा टेस्ट बताया जा रहा है।
वहीं जानकारों का कहना है कि उत्तर कोरिया इस वक्त को अपने लिए काफी बेहतर समझ रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका महामारी और रूस-यूक्रेन के बीच घिरा हुआ है। ऐसे में उत्तर कोरिया जल्द से जल्द इस काम को अंजाम दे रहा है। जानकारों का ये भी कहना है कि उत्तर कोरिया चाहता है कि उसकी मिसाइलों को दुनिया एक ताकत के रूप में माने।
उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए ने इस मिसाइल टेस्ट की तस्वीरें और खबर जारी की है। इसमें कहा गया है कि 2017 के बाद ये सबसे बड़ा मिसाइल टेस्ट था। इस समाचार एजेंसी ने जो तस्वीरें जारी की हैं उनमें से कुछ तस्वीरों को मिसाइल पर लगे कैमरे से लिया गया है। जारी तस्वीरों में कुछ लान्च के समय की हैं तो कुछ इस कैमरे के जरिए अंतरिक्ष से ली गई हैं। इन तस्वीरों में कोरियाई प्रायद्वीप का क्षेत्र भी साफतौर पर देखा जा सकता है।
एजेंसी ने बताया है उत्तर कोरिया ने जिस बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया है वो एक मध्यम दूरी की ह्वासोंग-12 मिसाइल है। वहीं दक्षिण कोरिया और जापान का कहना है कि ये मिसाइल करीब 2,000 किमी की ऊंचाई तक जाने के बाद जापान सागर में गिर गई। सभी देशों ने उत्तर कोरिया के इस परीक्षण की कड़े शब्दों में निंदा की है। बता दें कि उत्तर कोरिया द्वारा किया गया ये इस महीने यह सातवां परीक्षण है।
दक्षिण कोरिया और जापान का अनुमान है कि ये मिसाइल 30 मिनट के दौरान करीब 800 किमी तक गई। आपको बता दें कि उत्तर कोरिया के ऊपर उसके मिसाइल और परमाणु कार्यक्रम को लेकर काफी समय से प्रतिबंध लगे हुए हैं। इसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। इस माह जब उत्तर कोरिया ने पहला मिसाइल टेस्ट किया था तब उस पर प्रतिबंधों को और अधिक कड़ा किया गया था। इसके बाद भी उत्तर कोरिया ने लगातार इस तरह के मिसाइल टेस्ट किए हैं। इस बार हुए मिसाइल टेस्ट की सबसे खास बात ये भी है कि इनमें से किसी में भी उत्तर कोरिया के प्रमुख किम जोंग उन शामिल नहीं हुए थे और न ही उनकी तरफ से मिसाइल टेस्ट को लेकर कोई बयान ही आया है।