अगले हफ्ते बुलाई जाएगी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, पार्टी अध्यक्ष के चुनाव पर खत्म होगा असमंजस!
कांग्रेस पार्टी से नाराज नेताओं के गुट जी-23 की मांग के बीच अगले हफ्ते कांग्रेस कार्यसमिति(Congress Working Committee) की बैठक बुलाई जाएगी। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के गुट जी-23 ने हाल के दिनों में अंदरूनी कलह से जुड़े घटनाक्रम के बीच इस बैठक को बुलाने की मांग की थी। नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक अगले सप्ताह बुलाई जाएगी। हालांकि एजेंडा तैयार किया जाना है और इसे अंतिम रूप दिया जाना है। कांग्रेस नेता ने कहा कि लेकिन हां, संगठन के चुनाव और देश में हो रहे अन्य राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की जा सकती है।
कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी में शीर्ष निर्णय लेने वाली इकाई है। इस लिहाज से पार्टी की सर्वोच्च समिति अगले साल की शुरुआत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के रोडमैप पर भी चर्चा कर सकती है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बिंदु पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनावों पर निर्णय लेना है। जी-23 नेताओं ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों, केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) के सदस्यों और संसदीय बोर्ड चुनावों के लिए चुनाव की मांग की है।
कांग्रेस के कई नेताओं ने उठाई मांग
गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी की तत्काल बैठक बुलाने के लिए एक पत्र लिखा। कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि हमारे पास पार्टी में कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है। हमें नहीं पता कि पार्टी में कौन फैसले ले रहा है।’ उनकी टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। ऐसा लग रहा था कि यह जी-23 नेता बनाम टीम राहुल गांधी है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव अजय माकन ने एएनआ से कहा कि सिब्बल को उस संगठन को नीचा नहीं दिखाना चाहिए जिसने उन्हें एक पहचान दी। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने सुनिश्चित किया था कि कपिल सिब्बल संगठनात्मक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनें। पार्टी में सभी की बात सुनी जा रही है।
पिछली सीडब्ल्यूसी बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि देश में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर आंतरिक चुनाव स्थगित कर दिए जाएंगे, लेकिन कोई समयरेखा नहीं दी गई थी। तो अब सवाल यह है कि क्या इस बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष के चुनावों पर असमंजस खत्म हो जाएगा?