केरल में परंपरागत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया नववर्ष ‘विषु’
केरल में शुक्रवार को मलयालम नववर्ष विषु परंपरागत हर्षोल्लास के साथ पूरे धूमधाम से मनाया गया।
इस दिन भारी संख्या में लोग मंदिर जाकर दर्शन पूजन करते हैं। इसी के साथ लोगों में ‘विषुक्कणी’ को देखने का खास उत्साह रहता है। ‘विषुक्कणी’ उस झांकी को कहते हैं, जिसका दर्शन त्योहार के दिन सुबह आंख खोलने के बाद सबसे पहले किया जाता है। लोगों में मान्यता है कि ‘विषुक्कणी’ का प्रभाव साल भर रहता है, इसलिए विषु की पूर्व संध्या पर ‘कणी’ दर्शन की सामग्रियों को इकट्ठा कर उन्हें एक कांसे या किसी अन्य बर्तन में सजाकर रख दिया जाता है। इनमें चावल, नारियल, ककड़ी, कच्चा आम, पान का पत्ता, सुपारी, कटहल, आइना, नया कपड़ा और अमलतास के फूल वगैरह सजा कर रख दिए जाते हैं और इसके पास एक दीपक जलाया जाता है। तड़के उठकर सबसे पहले इसे देखने की ही प्रथा सदियों से चली आ रही है।
ऐसी मान्यता है कि यदि विषु के दिन ‘विषुक्कणी’ के साथ दिन की शुरुआत हो तो पूरा साल अच्छा जाता है।
इसी दिन मनाए जाने वाले ‘विशु कैनेट्टम’ के तहत बड़े लोग बच्चों को आशीर्वाद स्वरूप कुछ पैसे या तोहफा देते हैं। बच्चे विषु के दिन पटाखे फोड़कर खूब उल्लास मनाते हैं।
विषु को कई अन्य प्रांतों में भी अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे कि उत्तर और मध्य भारत में हिंदू और सिख इसे वैशाखी कहते हैं। तमिलनाडु में पुथांडु के नाम से इसे मनाने का चलन है।
विषु के अवसर पर श्री पद्मनाभ मंदिर, अरनमुला पार्थसारथी मंदिर, गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर और सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर सहित राज्य भर के प्रमुख मंदिरों में ‘विषुक्कणी’ दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी।
कई मंदिरों में भक्तों के दर्शन के दौरान पुजारियों ने उन्हें ‘विषु कैनेट्टम’ देकर आशीर्वाद दिया।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, विपक्ष के नेता वीडी सतीसन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन अलावा विधायकों, मंत्रियों और सांसदों ने भी इस अवसर पर लोगों को बधाई दी।