नए अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथग्रहण से पहले ट्रंप समर्थकों का कैपिटल में बवाल, बाइडन बोले- लोकतंत्र पर हमला
अमेरिका में ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी कैपिटल में जमकर फसाद काटा। इसे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने लोकतंत्र पर एक ‘अभूतपूर्व हमले’ बताया। बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों नाराज समर्थकों ने अमेरिकी कैपिटल पर धावा बोल दिया और पुलिस से भिड़ गए, जिसके परिणामस्वरूप हताहत और कई घायल हुए। राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन की जीत से ना खुश लोगों ने एक संवैधानिक प्रक्रिया को बाधित किया। पिछले साल के अंत में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें बाइडन ने जीत हासिल की थी, अब जहां 20 जनवरी को वे नए अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। उससे पहले अमेरिका को यह घटना देखनी पड़ी।
US कैपिटल वॉशिंगटन डीसी में है और इसमें अमेरिकी कांग्रेस के लोग बैठते हैं। अमेरिका के मुताबिक, यहां छह जनवरी को अमेरिकी कांग्रेस में जो बाइडन को पिछले साल तीन नवंबर को हुए चुनाव में मिली जीत की पुष्टि के लिए सत्र चल रहा था। बताया गया कि जब अमेरिकी कांग्रेस का सत्र चल रहा था तभी ट्रंप समर्थकों की हिंसक भीड़ बैरिकेड तोड़कर अंदर घुस आई। बता दें कि यह सत्र केवल औपचारिकता होती है लेकिन रिपब्लिकन सांसदों ने कुछ चुनावी नतीजों पर सवाल उठाए थे। वहीं, दूसरी तरफ ट्रंप का उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर दबाव डालना भी बेकार रहा, क्योंकि उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। ट्रंप चाहते थे कि वो बाइडन को जीत का सर्टिफिकेट ना दें। ऐसे में यह औपचारिकता भी अहम थी। बताया जा रहा है कि कैपिटल में 220 वर्षों में हिंसा देखी गई, लेकिन इस तरह की यह पहली बड़ी घटना है।
बाइडन का राष्ट्र को संबोधन
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अमेरिका को इस अंधेरे में देखकर वह हैरान और दुखी है। बाइडन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा, ‘इस समय, हमारा लोकतंत्र अभूतपूर्व हमले के अधीन है। आधुनिक समय में हमने जो कुछ भी देखा है उसके विपरीत। कैपिटल पर हमले का मतलब स्वतंत्रता के गढ़ पर हमला। जनप्रतिनिधियों और कैपिटल हिल पुलिस और लोक सेवक जो हमारे गणतंत्र के लिए काम करते हैं, उनपर हमला हुआ। उनकी रक्षा के लिए शपथ ली है।’
उन्होंने आगे कहा कि मैं बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि कैपिटल में अराजकता के दृश्य एक सच्चे अमेरिकी के नहीं हो सकते। हम कौन हैं इसका प्रतिनिधित्व नहीं करते। हम जो देख रहे हैं, वह बहुत कम संख्या में उग्रवादियों के लिए समर्पित है। यह असंतोष नहीं है। यह अव्यवस्था है। यह अराजकता है। यह देशद्रोह की सीमा पर है। और यह अब समाप्त होना चाहिए।
बाइडन का बवाल पर ग़ुस्सा फूटा। उन्होंने कहा- ‘लोकतंत्र अप्रत्याशित रूप से खतरे में है। मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपील कर रहा हूं कि वो नेशनल टीवी पर जाएं और अपनी शपथ का पालन करते हुए संविधान की रक्षा करें और कैपिटल को कब्जे से मुक्त कराएं। कैपिटल में घुसकर खिड़कियां तोड़ना, फ्लोर पर कब्जा कर लेना और उथल-पुथल मचाना विरोध नहीं फसाद है।’
नकाबपोश प्रदर्शनकारियों द्वारा बुधवार को कैपिटल भवन में प्रवेश किया गया। पुलिस को भीड़ से निपटने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। कैपिटल में कांग्रेस के सदस्य इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती और प्रमाणित करने की प्रक्रिया से गुजर रहे थे। बता दें कि पूरे कैपिटल को लॉकडाउन के तहत रखा गया है। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
अमेरिकी कैपिटल के अंदर गोली लगने से एक महिला की मौत हो गई है, सीएनएन ने बताया, मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के एक प्रवक्ता के हवाले से। भीड़ के हमले के दौरान कई अधिकारी घायल हो गए। कैपिटल में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लागू करने के बाद प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। कर्फ्यू के विरोध में दर्जनों प्रदर्शनकारी सड़कों पर रहे। ट्रंप समर्थकों द्वारा कैपिटल में हंगामा करने के बाद मेयर मुरील बोसेर ने दिन में कर्फ्यू की घोषणा कर दी।
अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप समर्थकों द्वारा लगभग चार घंटे के हिंसक कब्जे को समाप्त करते हुए कैपिटल को अब सुरक्षित माना जा सकता है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भारी हथियारों से लैस पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।
ट्रंप का आया संदेश
सारे बवाल के बाद, बाइडन के संबोधन के बाद। राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी करके प्रदर्शनकारियों से घर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘एक चुनाव हुआ, जिसे हमसे चुरा लिया गया। वह एक जबरदस्त चुनाव था और ये बात सबको पता है। खासकर दूसरे पक्ष को, लेकिन अब आपको घर जाना होगा। हमें शांति बनाए रखनी है। हमें कानून व्यवस्था बनाए रखना है। हम नहीं चाहते किसी को क्षति पहुंचे।’