नीट-पीजी में विसंगतियों को दुरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने खाली 146 सीटों पर काउंसलिंग को किया रद
सुप्रीम कोर्ट ने 146 से अधिक खाली सीटों पर ‘विसंगतियों को दुरस्त करने’ के लिए नीट-पीजी 2021-22 दाखिले की खातिर आल इंडिया कोटे की काउंसलिंग गुरुवार को रद कर दी। ये 146 सीटें उम्मीदवारों के लिए पिछले दौर की काउंसलिंग में उपलब्ध नहीं थीं। उम्मीदवारों के पास इन खाली बची सीटों पर दाखिले के लिए काउंसलिंग में भाग लेने का कोई अवसर नहीं था।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने 146 खाली सीटों पर काउंसलिंग के लिए विशेष चरण आयोजित करने और दूसरे चरण में अखिल भारतीय कोटा या राज्य कोटा में शामिल होने वाले छात्रों को इसमें भाग लेने की अनुमति दी। पीठ ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक को 24 घंटे के भीतर छात्रों से विकल्प आमंत्रित करने और विकल्प मिलने के बाद 72 घंटे के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत उसके न्यायाधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए सभी निर्देश दिए गए हैं।
सीटों को निरस्त करना आपराधिक कदम होगा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र को नीट-पीजी 2021-22 काउंसलिंग के ‘माप अप राउंड’ में गुरुवार तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। शुरू में केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने 146 खाली सीटों को निरस्त करने का फैसला किया है, लेकिन अदालत इससे सहमत नहीं हुई। उसने कहा कि इन सीटों को भरने के लिए एक और चरण की काउंसलिंग की जा सकती है। इससे हमारे पास 146 और डाक्टर होंगे। सीटों को निरस्त करना आपराधिक कदम होगा।