कांग्रेस की नगालैंड इकाई ने सभी 60 विधायकों को इस्तीफा देने को कहा, राजनीतिक समाधान लागू करने की मांग
दीमापुर: कांग्रेस की नगालैंड इकाई ने बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा के सभी 60 विधायकों से अपना इस्तीफा सौंपने और नगा राजनीतिक समाधान को लागू करने की मांग करने को कहा। नगालैंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एनपीसीसी) के अध्यक्ष के.थेरी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
थेरी ने कहा, ‘‘यदि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस (यूडीए) सरकार में कोई ईमानदारी बची है, तो उन्हें अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंप देना चाहिए और उनसे राजनीतिक समाधान लागू करने के लिए कहना चाहिए।’’ उन्होंने भारत सरकार से नगा लोगों को संशय में नहीं रखने के लिए भी कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘अब बहुत हो गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे ईमानदार हैं तो यही समय है जब उन्हें राष्ट्रपति शासन की मांग करनी चाहिए और चुनाव टाल देना चाहिए। राजनीतिक समाधान लागू करना चाहिए। यह भाजपा और राज्य सरकार का रुख होना चाहिए।’’
नगालैंड मंत्रिमंडल अलग राज्य की मांग पर पुनर्विचार के लिए ईएनपीओ से करेगा अपील
नगालैंड मंत्रिमंडल ने ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ईएनपीओ) से अलग राज्य की उनकी मांग पर पुनर्विचार करने और विधानसभा चुनाव का बहिष्कार नहीं करने की अपील करने का फैसला किया है। संसदीय कार्य मंत्री नीबा क्रोनू ने यह जानकारी दी। नीबा क्रोनू ने कहा, ‘‘ ईएनपीओ के लोगों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने उनसे नगा लोगों के व्यापक हित में उनकी मांग पर पुनर्विचार करने की अपील करने का फैसला किया है। ’’ यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रिमंडल ने ईएनपीओ क्षेत्रों के लिए कोई पैकेज तय किया है, क्रोनू ने कहा कि केंद्र और ईएनपीओ के बीच हुई बातचीत से राज्य सरकार को अवगत कराना होगा और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जा सकता है।
ईएनपीओ 2010 से एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। उसका दावा है कि पूर्वी नगालैंड के चार जिलों को वर्षों से उपेक्षित किया गया है। ईएनपीओ का हिस्सा रहीं छह जनजातियों ने दिसंबर में हॉर्नबिल महोत्सव का बहिष्कार किया था और यह भी घोषणा की कि वे फरवरी-मार्च में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे।