पाकिस्तान की जनता के आने वाले हैं और बुरे दिन! पाक ने मानी IMF की कड़ी शर्तें, चलेगा महंगाई का ‘चाबुक’
महंगाई ने कंगाल पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है। देश चलाने के लिए पैसा नहीं बचा है। आटे की कमी, पेट्रोल डीजल और बिजली की किल्लत और उनके आसमान छूते दामों ने आम जनता का जीना मुहाल कर दिया है। इसी बीच पाकिस्तान जो IMF की कड़ी कर्ज देने की कड़ी शर्तें मानने में ना नुकुर कर रहा था, अब उसने मजबूरन वे कड़ी शर्तें मान ली हैं। इससे अब पहले से ही महंगाई से बुरी तरह परेशान जनता पर टैक्स का बोझ और बढ़ने वाला है। यह संकट महंगाई के ‘चाबुक’ के समान जनता पर पड़ेगा।
पाकिस्तान की सरकार ने IMF से कर्ज लेने के लिए पास किया बिल
पाकिस्तान की एसेंबली ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF की ओर से मदद देने के लिए रखी गई कड़ी शर्तों को मानते हुए Finance (Supplementary) Bill 2023 पास कर दिया है। इसके बाद दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान की जनता हर दिन और बदहाल होती जा रही है। सरकार ने पहले ही आम जनता पर बुरी तरह महंगाई लाद दी है। पेट्रोल के दामों में पहले ही ‘आग’ लगी हुई थी, इसके बाद करीब 25 रुपए और बढ़ा दिए। इन सबके बीच अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की कर्ज देने की कड़ी शर्तें मानने पर मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में आने वाले समय में पाकिस्तान को देश चलाने के लिए थोड़े पैसे जरूर मिल जाएंगे, लेकिन टैक्स और महंगाई की मार और पड़ने से आम जनता का जीना दूभर हो जाएगा।
IMF ने रखी थी टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने की शर्त
IMF ने पाकिस्तान की सरकार के सामने टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने की शर्त रखी थी। इस शर्त के पूरी होने पर पाकिस्तान को IMF से 1.1 अरब डॉलर का कर्ज मिलने की उम्मीद बढ़ गई थी। पाकिस्तान में महंगाई बढ़कर 35 फीसदी तक पहुंच गई। दूध, ब्रेड और आटा जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम और बढ़ गए हैं। ऐसे में यदि आईएमएफ की टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने की शर्त यदि पाकिस्तान मानता है तो उसे आम जनता पर जरूरी चीजों के दामों पर और ज्यादा टैक्स बढ़ाने पड़ेंगे। खाद्य महंगाई की दर और बढ़ जाएगी। इसका बुरा असर सीधा पाक की जनता पर पड़ेगा।
टैक्स में छूट कम करने और सबसिडी खत्म करने की है कड़ी शर्त
आईएमएफ ने पाकिस्तान को अपने निम्न टैक्स आधार को बढ़ाने के लिए कहा है। इसके साथ ही उसने आयात क्षेत्र को दी जाने वाली छूटों को खत्म करने की शर्त भी रखी है। इतना ही नहीं आईएमएफ ने पाकिस्तान को अपनी कम ऊर्जा कीमतों को बढ़ाने के लिए भी कहा है, जिसे गरीबों की मदद के लिए निम्न स्तर पर रखा गया है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जार्जिएवा हाल ही में कह चुकी हैं कि पाकिस्तान में जो लोग सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में अच्छा पैसा कमा रहे हैं, उन्हें इकोनॉमी में और ज्यादा योगदान देना जरूरी है। ऐसे में उन पर टैक्स बढ़ाया जाना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि अमीरों को भी सब्सिडी से फायदा मिले। इन पर से सबसिडी खत्म होना चाहिए।
पाकिस्तान की जनता के बुरे दिन आने वाले हैं
आईएमएफ ने भी बेलआउट पैकेज रिलीज करने के लिए पाकिस्तान के सामने ऐसी कड़ी शर्तें रखी थीं, जो आर्थिक बदहाल देश के लिए पैसों की किल्लत के साथ दूसरी बड़ी समस्या बन गई। पाकिस्तान के सामने इन्हें मानने के अलावा और कोई विकल्प भी नहीं बचा था। अब पाकिस्तान ने आईएमएफ की सबसे कड़ी शर्त भी मान ली है, जिससे लोगों को और बुरे दिन देखने पड़ सकते हैं।
मुसीबत में चीन ने छोड़ा कंगाल पाकिस्तान का साथ
कंगाल पाकिस्तान का मुश्किल परिस्थिति में उसके मित्र देश भी साथ छोड़ रहे हैं। चीन ने पाकिस्तानी दूतावास बंद कर दिया है। इससे पाकिस्तानियों को चीन का वीजा नहीं मिल पाएगा। इस बीच चीन ने दूतावास बंद करने का ‘बहाना’ यह बनाया कि वह पाकिस्तान में अपने दूतावास के काउंसलर सेक्शन को ‘तकनीकी वजहों’ से अस्थायी रूप से बंद कर रहा है। चीन के इस ऐलान से पाकिस्तानियों को वीजा लेना मुश्किल हो जाएगा।
पाकिस्तानी तालिबानियों से निपटने तक के पैसे सेना के पास नहीं
पाकिस्तान पहले ही भयानक आर्थिक संकट से गुजर रहा है। आटे दाल के खाने के लाले पड़े हैं। बिजली और पेट्रोल की किल्लत किसी से छिपी नहीं है। इस देश में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। आलम यह है कि पाकिस्तान में सबसे शक्तिशाली कही जाने वाली सेना के पास इतना पैसा नहीं है कि वह टीटीपी यानी पाकिस्तानी तालिबानियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सके, जो उसके सैनिकों का खून बहा रहे हैं। कुल मिलाकर पाकिस्तान की आने वाले समय में फजीहत और बढ़ने वाली है।