मोरारी बापू की श्रीराम कथा में साधक की भूमिका में दिखे सीएम योगी आदित्यनाथ Gorakhpur News
कुशीनगर में चल रही मोरारी बापू की रामकथा में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह साधक के रूप में दिखे। मंच पर पहुंचते ही ब्यास पीठ को नमन किया, रामचरित मानस पर पुष्पार्चन की व कथा वाचक मोरारी बापू का अभिवादन किया। बापू ने भी उन्हें अंगवस्त्र देकर उनका अभिवादन किया।
सनातन संस्कृति किसी को उत्पीड़ित करने की सीख नहीं देता
सनातन संस्कृति, धरा व धर्म की विस्तृत व्याख्या करते हुए सीएम ने कहा कि भारत ने दुनिया को अध्यात्म की सीख दी है। सनातन संस्कृति किसी को उत्पीड़ित करने की सीख नहीं देता है। हमारे ऋषि और मुनि अपनी परंपरा को किसी पर थोपते नहीं थे, अनुसरण करने को प्रेरित करते थे। भारत भूमि पर ही ईश्वर ने हमेशा अवतार लिया है। उनके हर अवतार में मर्यादित जीवन का आदर्श मिलता है। चाहे भगवान श्रीराम हों, श्रीकृष्ण या बुद्ध। श्रीराम ने अपने जीवन से मर्यादा सिखाया तो श्रीकृष्ण का पूरा जीवन योग से परिपूर्ण रहा। बुद्ध ने करुणा, मैत्री का पाठ पढ़ाकर लोगों को जीवन की सीख दी थी।
बुद्ध की हिरण्यवती का दर्शन कर बापू ने किया आचमन
कथा वाचक मोरारी बापू ने बुधवार की शाम को बुद्ध की हिरण्यवती नदी का दर्शन किया तो पवित्र जल से आचमन कर उसकी सार्थकता भी सिद्ध की। वह थाई बौद्ध विहार में थाई आधिपत्य कला देख अभिभूत दिखे और व्यवस्था को सराहे। उन्होंने सर्वप्रथम ब्रह्मा, विष्णु की प्रतिमा का पूजन किया फिर बुद्ध के अस्थि अवशेष का दर्शन कर भाव विभोर हो गए। यहां से वर्मा बौद्ध विहार पहुंचे। वर्मी पगोडा (नवग्रह मंदिर) की परिक्रमा कर विश्व शांति की कामना की। श्रीलंका बौद्ध विहार, बापू चाइना मंदिर भी गए और बुद्ध से जुड़े कला कृतियों को अपलक निहारे। इस दौरान बापू पूरी तरह बुद्ध में लीन नजर आए। बोला तो कुछ नहीं पर उनकी भाव भंगिमा इंगित कर रही थी कि बुद्ध स्थली के दर्शन करने की जो उनमें लालसा थी वह फलीभूत हुई है।