मोदी की “इकबाल, इंसाफ, ईमान” की सरकार ने “जनता के रुतबे की संस्कृति” में बदला : मुख्तार अब्बास नकवी
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “इकबाल, इंसाफ, ईमान” की सरकार ने “राजा के रौब की सियासत” को “जनता के रुतबे की संस्कृति” में बदला है।
श्री नकवी ने “आकांक्षी जिला” नूहं (हरियाणा) में “सामाजिक न्याय पखवाड़ा” के तहत “जन चौपाल” और अन्य कार्यक्रमों में अपने सम्बोधन में कहा कि सामाजिक सौहार्द की डोर ही “समावेशी सशक्तिकरण” का सफल छोर है।
उन्होंने कहा कि सेकुलरिज्म कुछ लोगों के लिए “सियासी वोटों का सौदा” है, हमारे लिए “समावेशी विकास का मसौदा” है। सेकुलरिज्म “सियासी सुविधा का साधन” नहीं, “सौहार्द और सहअस्तित्व का संकल्प” होना चाहिए।
श्री नकवी ने कहा कि कुछ लोग भारत की “अनेकता में एकता” की इसी ताकत और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की शक्ति को अपने “सनकी साजिशी सुरूर” से नुकसान पहुँचाना चाहते हैं, जिसे किसी भी हाल में कामयाब नहीं होने देना है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में इसी सकारात्मक बदलाव से बेचैन लोग देश की एकता और सौहार्द के ताने-बाने को तोड़ने की साजिश में जुटे हैं, भय और भ्रम का माहौल बना कर समाज में बिखराव-टकराव का ताना-बाना बुन रहे हैं, जिसे हमें एकजुट हो कर परास्त करना है।
श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कास्ट, कम्युनिटी की “संकीर्ण सियासी संस्कृति” को खत्म कर “कॉमन पीपुल” को “प्रोग्रेस, प्रोस्पेरिटी का प्रिशियस पार्टनर” बनाया है।
उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में मोदी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए बिना रुके, बिना थके “परिश्रम को परिणाम” में परिवर्तित कर विकास को विश्वास में बदला है।
श्री नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर कई कामयाबियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प का प्रभावी परिणाम है कि दुनिया भर में चल रही आर्थिक तंगी और मंदी के बावजूद, भारत ने मार्च 2022 में 400 अरब डालर के निर्यात के ऐतिहासिक लक्ष्य को हासिल किया।
श्री नकवी ने कहा की मोदी सरकार, गांव-गरीब-किसान, नौजवान, महिलाओं सभी के “समावेशी सशक्तिकरण” को समर्पित सरकार है। पिछले 8 वर्षों में 12 करोड़ से अधिक किसानों को “किसान सम्मान निधि” का लाभ दिया; “मुद्रा योजना” के तहत 34 करोड़ 50 लाख से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए आसान ऋण दिए गए हैं; 45 करोड़ से अधिक जरूरतमंदों को “जन धन योजना” के तहत अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा से जोड़ा गया है; 2 करोड़ 36 लाख गरीबों को पक्के मकान दिए गए हैं; 9 करोड़ से अधिक गरीब महिलाओं को “उज्ज्वला योजना” के तहत निशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं; “आयुष्मान भारत” के तहत 3 करोड़ से अधिक लोगों को निशुल्क चिकित्सा सेवा मुहैया कराई गई हैं। इन सभी प्रभावी परिणामों से हर जरूरतमंद की आँखों में खुशी और जिंदगी में खुशहाली सुनिश्चित हुई है।