05 December, 2024 (Thursday)

Manipur Violence: छात्रों और पुलिस के बीच झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण; कांग्रेस सांसद ने अमित शाह को लिखा पत्र

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल में मंगलवार दोपहर लगाया गया कर्फ्यू आज सुबह भी जारी रहा। जबकि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में पुलिसकर्मियों की लगातार गश्त जारी है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल में मंगलवार दोपहर लगाया गया कर्फ्यू आज सुबह भी जारी रहा। जबकि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में पुलिसकर्मियों की लगातार गश्त जारी है।

मणिपुर पिछले साल से हिंसा की आग में सुलग रहा है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। हालांकि, राजभवन तक मार्च के दौरान छात्रों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद बुधवार को स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में रही। वहीं, आंतरिक मणिपुर से कांग्रेस सांसद ए बिमोल अकोइजाम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हिंसा संकट पर गहरी पीड़ा व्यक्त की है। यहां लगातार शांति बहाली के दावे धराशाई हो रहे हैं।

आज सुबह भी कर्फ्यू जारी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल में मंगलवार दोपहर लगाया गया कर्फ्यू आज सुबह भी जारी रहा। जबकि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर में पुलिसकर्मियों की लगातार गश्त जारी है। उन्होंने कहा कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं।

बदतर होती कानून-व्यवस्था को लेकर छात्रों ने निकाला मार्च
मणिपुर में बदतर होती कानून-व्यवस्था को लेकर छात्रों ने मंगलवार को राजभवन की ओर मार्च किया था। छात्रों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में कई छात्र जख्मी हो गए थे। छात्रों की मांग है कि राज्य के डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार खराब होती कानून-व्यवस्था से निपटने में नाकाम रहे हैं। इस कारण उन्हें पद से हटाया जाए। वे अपनी इसी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए राजभवन की ओर कूच कर रहे थे।

पांच जिलों में इंटरनेट पर लगी रोक
सरकार ने मंगलवार शाम को एक संशोधित आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि छात्रों के आंदोलन के मद्देनजर इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक सिर्फ घाटी के पांच जिलों में लागू होगी।

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने लिए दागे आंसू गैस के गोले
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान नारे लगाए। सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर और कंचे फेंके। इससे पुलिसकर्मियों को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया।

छात्रों के एक संगठन ने दावा किया कि झड़प में 55 से अधिक छात्र घायल हो गए और उन्हें रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

‘छात्रों ने राज्यपाल से की मुलाकात’
राजभवन ने मंगलवार देर रात जारी बयान में कहा, ‘छात्रों के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। इन लोगों ने राज्यपाल से मांगों को पूरा करने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि वह छात्रों और मणिपुर के लोगों के हित में कदम उठाएंगे।’

पुलिस ने एक बयान में बताया कि कांगपोकपी जिले में तलाशी अभियान जारी हैं। हथियार एवं विस्फोटक बरामद किए गए हैं।

कांग्रेस सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र 
इन सबके बीच, आंतरिक मणिपुर से कांग्रेस सांसद ए बिमोल अकोइजाम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा। उन्होंने हिंसा पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा निर्णायक कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया।

मणिपुर के मौजूदा हालात 1947 की याद दिलाते…
अमित शाह को लिखे अपने पत्र में अकोइजाम ने मौजूदा संकट में अवैध प्रवासियों, विदेशी तत्वों और मादक पदार्थ माफिया की संलिप्तता के आरोपों की गहन जांच करने का भी आह्वान किया। उन्होंने लिखा कि मणिपुर के मौजूदा हालात 1947 में भारत के विभाजन की याद दिलाती है, जो 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के सरकार के हालिया प्रयासों को देखते हुए विशेष रूप से दर्दनाक है।

‘अगर गुजरात में ऐसा होता तो गृह मंत्री को भी होता दुख’
सांसद ने कहा कि यदि गुजरात में भी यही हुआ होता तो शाह को भी गहरा दुख होता। उन्होंने गृह मंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सुरक्षाबल हिंसा पर लगाम लगाने के लिए निर्णायक और विवेकपूर्ण तरीके से काम करें।

60 हजार लोग बेघर हुए
उन्होंने आगे कहा, ‘आपको यह याद दिलाते हुए मुझे दुख हो रहा है कि इस हिंसा के कारण सैकड़ों की संख्या में लोगों की जानें गईं और करीब 60,000 लोग बेघर हो गए। जिस समय मैंने यह पत्र लिखा है, न केवल आंतरिक रूप से विस्थापित हजारों लोग (आईडीपी) अभी भी दयनीय परिस्थितियों में राहत शिविरों में रह रहे हैं, बल्कि यह अभूतपूर्व हिंसा भी बनी हुई है।’

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