Lucknow University Convocation 2020 : 15 मेधावियों को मिले पदक, राज्यपाल बोलीं- विद्यार्थी ही विरासत को ले जाएंगे आगे
Lucknow University Convocation 2020: दीक्षा समारोह का लखनऊ विश्वविद्यालय में शनिवार स्कॉलर परेड के बाद आगाज हुआ। इस दौरान परंपरागत स्कॉलर परेड निकाली गई। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विश्वविद्यालय की कुलाधिपति भूमिका में शामिल रहीं। वहीं, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की मौजूदगी में स्कॉलर परेड प्रोक्टर ऑफिस से लेकर आयोजन स्थल मालवीय सभागार तक निकाली गई। उसमें कुलपति रजिस्ट्रार सहित लविवि की प्रमुख समितियों के सदस्य शामिल रहे। सभी के मन में इस बात की खुशी नजर आई कि वे शताब्दी वर्ष में आयोजित किए जा रहे समारोह का हिस्सा हैं।
विद्यार्थी ही विरासत को आगे ले जाएंगे : राज्यपाल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने फोन कर सभी को बधाई दी है। ज्ञानरूपी प्रकाश का विकास लविवि कर रहा है। शत वर्ष में लविवि पहुंचा है। 100 साल पूरा करने वाला यह नौवां विश्विद्यालय है। अनेक विद्यार्थी ने विश्व को चमत्कृत किया है। यहां अनेक विभूषण मिले हैं। ये विश्वद्यालय कामयाब रहा। मेरे लिए ये गर्व की बात है। ये कन्वोकेशन विशेष है। मुझे प्रसन्नता है। 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी इस कार्यक्रम की गरिमा बढाएंगे। ये नवाचारों के जरिये यह विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है। समाजिक चेतना का भी विकास हो रहा है। हम विद्यार्थियों को सम्मानित कर रहे हैं। ये विद्यार्थी ही विरासत को आगे ले जाएंगे। हम विद्यार्थियों के प्रश्नों से प्रेरित हों। भारत की संस्कृति को आगे बढ़ाया जाए। हमको नालंदा और तक्षशिला की ओर जाना होगा।
न ज्ञान के जगत में हो कोई अवरोध
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य दायित्वबोध संपन्न नागरिक बनाना है। हमको विविधता का सम्मान करें। उच्च शिक्षा संस्थानों का दायित्व अधिक है। हमको देशकाल की दूरियों को घटाना होगा। वैश्विक संवेदना को समझने के लिए मानवीय दूरी घटानी होगी। विद्यार्थी को प्रबंधन की जानकारी दी जाए। विश्वविद्यालय जीवन जीने की कार्यशाला है। विद्या और विजन मिलते-जुलते शब्द हैं। ज्ञान के जगत में कोई अवरोध नहीं होना चाहिए। पदक विजेताओं का दायित्व कमजोर वर्ग के लिए है। नई शिक्षा नीति में विषय चयन को आसान बना दिया गया है।
यहां के विद्यार्थी अनेक पद्म पुरस्कार विजेता रहे : डॉ दिनेश शर्मा
इस दौरान उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षा अंत नहीं है। ये नया आरम्भ है। ये कन्वोकेशन शताब्दी वर्ष में हो रहा है। ये विश्वविद्यालय श्रेष्ठ हो यह संकल्प लें। हमारे विश्वविद्यालय की गरिमा रही है। 1920 में लेजिस्लेटिव काउंसिल को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद विश्वविद्यालय बना था। अनेक मूर्धन्य आचार्यों का यहां रहना हुआ है। यहां के विद्यार्थी अनेक पद्म पुरस्कार विजेता रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा यहीं के छात्र रहे हैं। वहीं, उप मुख्यमंत्री ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि आचार्य नरेंद्र देव धोती कुर्ता पहनकर आते थे। उन्होंने कुलपति आवास को छात्रावास बना दिया था। वह अंग्रेजी और अर्थशास्त्र दोनों पढ़ा सकते थे।
मेडल पाने वाले मेधावियों की सूची
- शिवांश मिश्रा- गोल्ड
- तेजस्विनी बाजपेई- गोल्ड
- रैना शुक्ला- गोल्ड
- हर्षिता दुबे- दो रजत
- विदिशा भुक्ता- ब्रॉन्ज
- ज्योति सिंह- ब्रॉन्ज
- पलक मिश्रा- ब्रॉन्ज
- सोनिया गुप्ता- ब्रॉन्ज
- आदित्य सिंह- ब्रॉन्ज
- शिखर श्रीवास्तव- ब्रॉन्ज
- मारिया खातून- ब्रॉन्ज
- मो. आमिर- ब्रॉन्ज
- अभय द्विवेदी- ब्रॉन्ज
- सनातन संकल्प- ब्रॉन्ज
आज सिर्फ 15 प्रमुख मेधावियों को पदक
विश्वविद्यालय के 194 मेधावियों को स्थापना दिवस के बाद मेडल से नवाजा जाएगा। 15 प्रमुख मेधावियों को आज दीक्षा समारोह में मेडल दिए जा रहे हैं, मगर 194 प्रायोजित मेडल विभाग स्तर पर लविवि देगा। ये कार्यक्रम अगले पूरे साल में आयोजित किए जाते रहेंगे। जिसमें विभागों में मेधावी सम्मानित किए जाएंगे। बहुत जल्द ही इन सभी 194 मेधावियों की सूची लविवि की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। जिससे वे अपना नाम आसानी से देख सकेंगे।