Lucknow News: कमाई के खेल में कॉम्पैक्टर के आगे डंप हो रहा कूड़ा, गंदा हो रहा लखनऊ



लखनऊ। महानगर सेक्टर एच में पार्क के पास कॉम्पैक्टर लगा है, फिर भी सड़क पर कूड़ा पड़ा पड़ता है। जितने हिस्से में कूड़ा पड़ता है वहां पर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है और गड्ढा भी हो गया है। इसी तरह अलीगंज सेक्टर आई में लगा कॉम्पैक्टर खराब है। यहां पर भी कूड़ा कॉम्पैक्टर के बाहर सड़क पर डाला जाता है। कॉम्पैक्टर ठीक नहीं किया जा रहा है। ऐसे में यह शोपीस बना हुआ है। ये दो तो महज उदाहरण हैं। यही हाल अलीगंज सेक्टर ई में लगे कॉम्पैक्टर का है। यहां भी कॉम्पैक्टर के बाहर कूड़ा सड़क पर पड़ा रहता है। शहर में अन्य जगहों पर भी यही हाल है। शहर में करोड़ों रुपये खर्च कर कॉम्पैक्टर लगाए गए थे, ताकि खुले में गंदगी न हो और शहर स्वच्छ दिखे, लेकिन ईकोग्रीन की चालाकी व नगरनिगम कर्मियों की लापरवाही पूरी योजना पर पानी फेर रही है।
कॉम्पैक्टर लगे होने के बाद भी उनके ही सामने खुले में कूड़ा डाले जाने के पीछे बड़ा खेल है। जानकार बताते हैं कि ईकोग्रीन वालों का प्राइवेट ठेलिया वालों से गठजोड़ हैं। वह उनसे हर महीने पांच से छह हजार रुपये कॉम्पैक्टर में कूड़ा डालने का लेते हैं। जो पैसा नहीं देता उसको वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन भी नहीं करने देते। वहीं जो कूड़ा नगर निगम के कर्मचारी ठेलिया व अन्य साधनों से लाते हैं उसे कॉम्पैक्टर में नहीं डालने देते हैं। ऐसे में वह सड़क पर कूड़ा डालकर चला जाता है। बाद में इसे नगर निगम की गाड़ियों से उठाया जाता है। यह एक सुनियोजित खेल है। इस तरह एक कॉम्पैक्टर से हर माह एक से दो लाख रुपये की कमाई की जा रही है। इसमें कूड़ा छंटाई का ख्ेाल भी शामिल है।
कॉम्पैक्टर लगाने में खर्च हुए 20 करोड़
एक कॉम्पैक्टर लगाने का खर्च 30 से 33 लाख रुपये के बीच आता है। शहर में 20 करोड़ रुपये खर्च कर 64 कॉम्पैक्टर लगाए गए हैं। जानकारों ने बताया कि इस समय करीब 15 कॉम्पैक्टर खराब पड़े हैं। करीब 15 दिन पहले तक इनकी संख्या करीब 25 थी, लेकिन शासन से नगर स्वच्छता सेवा पखवाड़ा शुरू किए जाने के बाद 10 कॉम्पैक्टर ठीक किए गए। ये बिजली बिल जमा न होने के चलते बंद थे।
खुले पड़ाव स्थल बंद करने का एक से अभियान
नगर निगम के रिकॉर्ड के तहत शहर में 145 ऐसे स्थल हैं, जो चिह्नित पड़ाव स्थल नहीं हैं, लेकिन वहां पर कूड़ा डाला जा रहा है। इससे शहर में गंदगी दिखती है। ऐसे स्थलों को समाप्त किया जाएगा। दोबारा कूड़ा न डाला जाए इसके लिए वहां सौंदर्यीकरण कराया जाएगा और चेतावनी का बोर्ड भी लगाया जाएगा। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने रविवार को इसको लेकर विशेष बैठक भी की थी। उन्होंने बताया था कि शासन की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शुरू किए 75 जनपद, 75घंटे और 750 निकाय अभियान के तहत नगर नगम शहर में अनधिकृत खुले पड़ाव स्थलों को बंद कराने का अभियान एक से तीन दिसंबर तक चलाएगा।
ठीक कराएंगे व्यवस्था
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जहां पर पर कॉम्पैक्टर लगे हैं, वहां खुले में कूड़ा नहीं डाला जाना चाहिए। यह गलत है। यह कैसे हो रहा है, इसका पता कराएंगे। पहले इसे ठीक कराएंगे और फिर जो जिम्मेदार है उसका स्पष्टीकरण तलब कर कार्रवाई करेंगे।