02 November, 2024 (Saturday)

लंबी होती जा रही प्रतिबंधों की लिस्ट, अब रूस के अमीर करीबियों पर प्रतिबंध लगाएगा अमेरिका

यूक्रेन पर रूस के हमले की प्रतिक्रिया में अमेरिका रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी अमीर कारोबारियों और क्रेमलिन के प्रवक्ता के खिलाफ प्रतिबंध लगाएगा। यह बात गुरुवार को व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कही गई। वहीं रूस में सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक व अन्य मीडिया साइटों को खोलने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

व्हाइट ने कहा कि पुतिन के करीबी कारोबारियों और उनकी कंपनियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे उसमें रूसी कारोबारी और खनन कंपनी मेटैलोइनवेस्ट कंपनी के फाउंडर अलीशेर उस्मानोव और क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव शामिल हैं।

व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के अनुसार अमेरिका 19 अमीर कारोबारियों, उनके परिवार वालों और सहयोगियों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध भी लगाएगा जो रूस के पक्ष में दुष्प्रचार करने में सक्षम हैं। बयान में कहा गया कि हम चाहते हैं कि पुतिन हमारा दबाव महसूस करें। उल्लेखनीय है अमेरिका पुतिन समेत कई रूसी नागरिकों और कंपनियों पर कई दौर में प्रतिबंध लगा चुका है।

न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार यूक्रेन पर हमले को लेकर विश्व के अधिकांश देश रूस के खिलाफ हैं, लेकिन एशिया में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। म्यांमार के सैन्य शासन ने कहा है कि रूस की कार्रवाई सही है जबकि चीन ने इसे हमला कहने से इन्कार कर दिया है। अमेरिका के सहयोगी देशों ने तो उसका ही पक्ष माना है, लेकिन एशिया के अधिनायकवादी और पश्चिम के साथ कमजोर रिश्ते वाले देश रूस के खिलाफ प्रतिक्रिया करने से बच रहे हैं। एशिया प्रशांत क्षेत्र में केवल जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया ने ही रूस पर प्रतिबंधों का समर्थन किया है। रूस का एशिया में बीते कुछ साल में प्रभाव बढ़ा है। रूस ने कहा भी है कि वह प्रतिबंधों का प्रभाव कम करने के लिए एशिया के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ाएगा। उसने इंडोनेशिया, मलेशिया और म्यांमार को युद्धक विमान बेचे हैं, लेकिन दक्षिण पूर्वी एशिया में इसका सबसे बड़ा ग्राहक है वियतनाम। 2000 से 2019 तक वियतनाम ने अपने 84 प्रतिशत हथियार रूस से खरीदे हैं। बीते कुछ साल में इंडोनेशिया ने रूस के साथ व्यापारिक और सामरिक संबंध मजबूत किए हैं। यहां तक कि दक्षिण कोरिया सरीखे अमेरिका के करीबी देशों में भी रूस के खिलाफ कार्रवाई को लेकर हिचकिचाहट रही। हालांकि जापान ने तत्काल प्रतिबंध लगा दिए। इस बीच, इन एशियाई देशों के संगठन आसियान ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई रोके जाने की मांग की है।

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