जानें- योगेंद्र यादव को संयुक्त किसान मोर्चा ने क्यों किया एक माह के लिए निलंबित
संयुक्त किसान मोर्चे से योगेंद्र यादव को एक माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह योगेंद्र यादव का लखीमपुर हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता के घर जाना है। आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन कर रहे चार किसानों की गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। ये सभी किसान थे। इसके बाद भड़की हिंसा में भी कुछ लोग मारे गए थे। इनमें भाजपा कार्यकर्ता भी शामिल थे। आरोप है कि जिस गाड़ी से कुचलकर किसानों की मौत हुई उसको केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा चला रहे थे।
लखीमपुर में मारे गए सभी किसानों की मौत पर सभी विपक्षी पार्टियों ने पीडि़तों के परिजनों से मुलाकात की थी। इसी सिलसिले में योगेंद्र यादव ने हिंसा के दौरान मारे गए भाजपा कार्यकर्ता के घर जाकर अपनी सांत्वना व्यक्त की थी। इससे संयुक्त किसान मोर्चा नाराज था। इस नाराजगी की एक बड़ी वजह पीडि़त का भाजपा कार्यकर्ता होना था। योगेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चे ने कार्रवाई करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे से एक माह के लिए और इसके अलावा नौ सदस्यीय कमेटी से भी इतने ही समय के लिए निलंबित कर दिया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 अक्टूबर को लखनऊ में होने वाली अपनी महापंचायत को भी फिलहाल स्थगित कर दिया है। ये महापंचायत आपदा से जूझते किसानों की समस्याओं को देखते हुए आयोजित की जानी थी। गौरतलब है कि किसान काफी समय से केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलपु धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि इन्हें पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए। वहीं इस मुद्दे पर जम्मू कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक भी किसानों के साथ आ गए हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार को किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग को मान लेना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा है कि किसान इससे कम में मानने वाले नहीं हैं।
आपको यहां पर बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चे पर लगातार सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी लताड़ा जा रहा है। इसकी वजह बीते करीब 11 माह से दिल्ली की सीमा से लगती अहम सड़कों को बंद रखना है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा कह रहा है कि उन्होंने सड़कों को बंद नहीं किया है। ये काम दिल्ली पुलिस ने किया है। हालांकि कोर्ट के सख्त रुख के बाद किसानों ने दिल्ली के गाजीपुर की सड़क को खाली करना शुरू कर दिया था। उनका कहना है कि उन्हें दिल्ली के रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार दिया जाए।