जानें कैसे स्वास्थ्य पैरामीटर पर उत्तर प्रदर्शन ने लगाई बड़ी छलांग, नीति आयोग ने भी तारीफ
स्वास्थ्य के पैरामीटर में बड़े राज्यों में केरल पहले की तरह अव्वल बना हुआ है और उत्तर प्रदेश सबसे पीछे हैं। लेकिन इंक्रीमेंटल (सुधार करने वाले) आधार पर देखा जाए तो वित्त वर्ष 2019-20 में स्वास्थ्य पैरामीटर के मामले में सबसे शानदार प्रदर्शन उत्तर प्रदेश का रहा। नीति आयोग की तरफ से देश के सभी राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य पैरामीटर पर जारी इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न प्रकार के 24 सूचकों को स्कोर मापने का आधार बनाया गया है।
इंक्रीमेंटल आधार पर उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे बढ़िया
इस बारे में नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत ने कहा कि हम छोटे राज्यों, बड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलग-अलग रैंक करते हैं। जो बड़े राज्य हैं उनमें सबसे अच्छा काम उत्तर प्रदेश में हुआ है क्योकि उत्तर प्रदेश काफी नीचे था, उसने उछाल मारा है। उत्तर प्रदेश ने पिछले 2 वर्षों में सबसे अच्छा सुधार दिखाया है, इसलिए यूपी डेल्टा में नंबर 1 यानी बेहतर रैंकिंग में है। इम्प्रूव रैंकिंग(डेल्टा) उसमें उत्तर प्रदेश नंबर 1, असम नंबर 2 और तेलंगाना नंबर 3 पर है। वहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि 19 बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। मैं पिछले वर्षों में इस बहुत मजबूत प्रदर्शन और इस सुधार के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देना चाहता हूं।
दिल्ली और मिजोरम का बेहतर प्रदर्शन
केंद्रशासित प्रदेशों में इंक्रीमेंटल आधार पर सबसे बढ़िया प्रदर्शन दिल्ली का रहा तो छोटे राज्यों में मिजोरम और मेघालय में स्वास्थ्य पैरामीटर में सबसे अधिक इंक्रीमेंटल बढ़ोतरी देखी गई। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य मामले में वित्त वर्ष 2019-20 के प्रदर्शन के आधार पर तैयार की गई है, जिसकी तुलना वित्त वर्ष 2018-19 से की गई है। वर्ष 2017 से नीति आयोग स्वास्थ्य रिपोर्ट को जारी कर रहा है।
यूपी ने इंक्रीमेंटल आधार पर पांच से अधिक अंक की बढ़ोतरी दर्ज की
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में भी केरल स्वास्थ्य पैरामीटर के कुल 100 अंकों में से 81.60 अंक प्राप्त कर पहले स्थान पर था। वहीं, उत्तर प्रदेश इस अवधि में 25.06 अंक प्राप्त कर 19वें स्थान पर था। लेकिन वित्त वर्ष 2019-20 में केरल का स्वास्थ्य पैरामीटर अंक 81.60 से बढ़कर सिर्फ 82.20 हो पाया, वहीं इस अवधि में उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य पैरामीटर अंक 25.06 से बढ़कर 30.57 हो गया जो बड़े राज्यों में शामिल 19 राज्यों में सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश ने इंक्रीमेंटल आधार पर पांच से अधिक अंक की बढ़ोतरी दर्ज की जो बड़े राज्यों में सबसे अधिक है। स्वास्थ्य पैरामीटर में 31 अंक हासिल कर बिहार पहले की तरह 18वें पायदान पर है।
अन्य बड़े राज्यों का हाल
वित्त वर्ष 2018-19 के मुकाबले वित्त वर्ष 2019-20 में बिहार में स्वास्थ्य पैरामीटर में कोई खास सुधार नहीं देखा गया। 2018-19 में बिहार ने 30.24 अंक हासिल किए थे। वित्त वर्ष 2019-20 में इंक्रीमेंटल आधार पर हरियाणा के प्रदर्शन में कमी आई हालांकि हरियाणा पहले की तरह 11 वें स्थान पर कायम है। वित्त वर्ष 2018-19 में हरियाणा के 49.81 अंक थे जो 2019-20 में 49.26 रह गए। उत्तराखंड का वित्त वर्ष 2019-20 में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा। वित्त वर्ष 2019-20 में स्वास्थ्य पैरमीटर में 15वें स्थान पर आ गया जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में उत्तराखंड 14वें स्थान पर था।
झारखंड पहले की तरह 13वें स्थान पर कायम रहा तो पंजाब अच्छे प्रदर्शन की वजह 9वें पायदान से 8वें स्थान पर पहुंच गया।नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस रिपोर्ट को जारी करने के अवसर पर कहा कि हमारा मकसद राज्यों के सिर्फ पुराने प्रदर्शन को नहीं देखना है बल्कि उनके इंक्रीमेंटल प्रदर्शन को भी देखना है। इससे राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी।
अंकों के आधार पर राज्यों की रैंकिग
पहले 10 राज्य व उनके अंक
1. केरल – 82.20
2. तमिलनाडु – 72.42
3. तेलंगाना -69.96
4. आंध्र प्रदेश- 69.95
5. महाराष्ट्र -69.14
6. गुजरात – 63.59
7. हिमाचल प्रदेश -63.17
8. पंजाब -58.08
9. कर्नाटक – 57.93
10. छत्तीसगढ़ – 50.70