ईरान ने रखी शर्त, तेल निर्यात की उसे दी जाए अनुमति तभी होगा विएना में होने वाली बैठक में शामिल
ईरान ने आस्ट्रिया की राजधानी विएना में हो रही परमाणु समझौता वार्ता में शामिल होने के लिए एक शर्त रखी है, जिसमें कहा कि उसे कच्चे तेल के निर्यात की अनुमति दी जाए। आपको बता दें कि अभी उसके निर्यात पर अमेरिका का प्रतिबंध लगा हुआ है। 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका की ईरान के साथ वार्ता चल रही है।
क्यों आई बातचीत में रुकावट
परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए वियना में शुरू होने वाली वार्ता में इसी माह तब रुकावट आ गई जब ईरान के वार्ताकार ने नेतृत्व से दिशानिर्देश लेने की बात कहकर विएना छोड़ दिया और वह तेहरान चलें गए। अब तेहरान में विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान ने वार्ता फिर से शुरू करने के लिए तेल निर्यात की अनुमति दिए जाने की मांग की है।
क्या कहा विदेश मंत्री हुसैन आमिर ने
विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान ने कहा है कि हम अपना तेल बेचना चाहते हैं और बदले में उन्होंने कहा कि धन हमारे बैंक खातों में आए। आगे उन्होंने कहा कि ईरान ‘परमाणु समझौते के तहत पूर्ण आर्थिक रियायतों का आनंद लेने में सक्षम होना’ चाहता है। उल्लेखनीय है कि 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु समझौते से अलग होते हुए ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इन प्रतिबंधों के चलते ईरान किसी भी देश को तेल नहीं बेच सकता है। क्योंकि तेल बेचने पर उसके बदले में मिलने वाला धन अमेरिका के प्रभाव वाला आर्थिक तंत्र स्वीकार नहीं करता।
अब जबकि अमेरिका में नई सरकार आ चुकी है और नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने परमाणु समझौते से फिर से जुड़ने की इच्छा जताई है। इसके चलते विएना में वार्ता शुरू हुई है। समझौते में रूस और चीन भी शामिल हैं। 2015 में हुए परमाणु समझौते के अनुसार ईरान को शांतिपूर्ण कार्यो के लिए परमाणु सामग्री का इस्तेमाल करना है।