लॉन्च करने की तकनीकी तैयारी की पूरी, देशभर में सोने का एकसमान भाव तय करने में मिलेगी मदद
प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज BSE अपने प्लेटफॉर्म पर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (EGRs) को पेश करने के लिए सक्षम टेक्नोलॉजी के साथ तैयार है। इससे देशभर में सोने का एकसमान मूल्य तय करने में मदद मिलेगी। BSE के चीफ बिजनेस ऑफिसर समीर पाटिल ने रविवार को यह बात कही। इस बारे में पाटिल ने जानकारी दी कि एक्सचेंज जरूरी आंतरिक मंजूरी हासिल करेगा। BSE अपने प्लेटफॉर्म पर नई श्रेणी की सिक्योरिटीज की ट्रेडिंग के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के पास आवेदन करेगी।
इससे पहले मंगलवार को सेबी के निदेशक मंडल ने गोल्ड एक्सचेंज के प्रस्ताव को अपनी ओर से स्वीकृति दे दी थी। इसमें पीली धातु में कारोबार ईजीआर के रूप में होगा। इसके जरिए एक पारदर्शी स्पॉट प्राइस डिस्कवरी मैकेनिज्म विकसित करने में मदद मिलेगी।
अभी भारत में सिर्फ गोल्ड डेरिवेटिव्स और गोल्ड ईटीएफ की अनुमति है। वहीं, अन्य देशों में सोने के फिजिकल बिजनेस के लिए स्पॉट एक्सचेंज होते हैं।
सोने का प्रतिनिधित्व करने वाले उत्पाद को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट्स (ईजीआर) कहा जाएगा और इसे सिक्योरिटीज के रूप में नोटिफाई किया जाएगा।
ईजीआर में अन्य सिक्योरिटीज की तरह ट्रेडिंग, क्लियरिंग और सेटलमेंट की खूबियां होंगी।
बीएसई, जो अपने तकनीकी कौशल के लिए जाना जाता है, सोने के लिए एक पारदर्शी और कुशल हाजिर बाजार बनाने का मुख्य प्रस्तावक रहा है।
पाटिल ने कहा, ”BSE को अपनी तकनीकी कुशलता के लिए जाना जाता है और एक्सचेंज सोने के लिए एक पारदर्शी और सक्षम स्पॉट मार्केट बनाने का प्रमुख प्रस्तावक रहा है क्योंकि यह भारतीय कंज्यूमर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण कमोडिटी है।”
उन्होंने साथ ही कहा कि एक्सचेंज इस मार्केट में लंबे समय से टेक्नोलॉजी विकसित करने की तैयारियों में लगा था और इसे आगे बढ़ाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी का इंतजार कर रहा था।
एक्सचेंज ने सरकार और रेगुलेटर्स को इस बात को लेकर कई प्रजेंटेशन दिए हैं, कि यह प्रोसेस किस तरह से काम करेगा।