Kanpur Bikru Case: विकास दुबे के पिता, पत्नी व भाई के खिलाफ भी केस दर्ज; फर्जी आइडी पर सिम व शस्त्र लाइसेंस लेने का मामला
उत्तर प्रदेश के साथ ही कानपुर को बेहद चर्चा में लाने वाले कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव के कांड में योगी आदित्यनाथ सरकार की एसआइटी की रिपोर्ट के बाद अब एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर की पत्नी के साथ विकास के पिता के खिलाफ भी शिकंजा कस गया है। कानपुर के तीन थाना क्षेत्र में 22 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
कानपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस की टीम पर हमला बोलकर कुख्यात विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी दी। चौबेपुर के बिकरू कांड में अब विकास दुबे के पिता के साथ ही उसकी पत्नी ऋचा दुबे, विकास दुबे के भाई तथा विकास दुबे के फंड मैनेजर जय बाजपेई के खिलाफ नया मामला दर्ज किया गया है। चौबेपुर थाना में विकास की पत्नी सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। चौबेपुर में 22 लोगों के खिलाफ फर्जी आईडी पर मोबाइल सिम लेने के साथ ही फर्जी शपथ पत्र से शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में केस दर्ज कराया गया है। इस केस में विकास दुबे की पत्नी के खिलाफ पहला केस दर्ज किया गया है।
चौबेपुर के बिकरू कांड को लेकर गठित एसआइटी की संस्तुतियों के तहत चौबेपुर, बजरिया और नजीराबाद थाने में झूठा शपथ पत्र लगा शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट हासिल करने, फर्जी नाम से सिम का प्रयोग करने पर मुकदमे दर्ज हुए। शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में दस, फर्जी सिम में नौ और पासपोर्ट में एक को आरोपित बनाया गया है।
इस केस में एसआइटी की जांच में सामने आया कि विकास दुबे और खजांची जय बाजपेयी समेत कई सहयोगियों ने गलत शपथपत्र लगा शस्त्र लाइसेंस हासिल किए। जय ने झूठे दस्तावेजों के सहारे पासपोर्ट बनवाया। चौबेपुर में शस्त्र लाइसेंस के नौ व फर्जी नाम से सिम प्रयोग के नौ आरोपितों पर मुकदमा हुआ। बजरिया थाने में जय के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस व नजीराबाद में पासपोर्ट मामले में मुकदमा दर्ज हुआ।
फर्जी शपथ पत्र पर इनके लाइसेंस बने
विकास के पिता रामकुमार दुबे का शस्त्र लाइसेंस 28 दिसंबर 1992 को बना। विकास के भाई दीपक उर्फ दीपू का लाइसेंस एक सितंबर 1997 को बना। दीपक की पत्नी अंजली का लाइसेंस 26 जून 2008 को बना। सुज्जा निवादा निवासी विष्णुपाल उर्फ जिलेदार का लाइसेंस 28 सितंबर 2009 को बना। कंजती निवासी अमित उर्फ छोटे बउवा का लाइसेंस 20 फरवरी 2008 को बना। देवकली कंजती निवासी दिनेश कुमार का लाइसेंस 11 सितंबर 2008 को बना। बिकरू निवासी रवींद्र कुमार का लाइसेंस 11 फरवरी 2009 को बना। कंजती निवासी अखिलेश कुमार का लाइसेंस 15 मई 2008 को बना। बसेन निवासी आशुतोष त्रिपाठी उर्फ शिव का लाइसेंस 25 मई 2008 को बना। ब्रह्मनगर निवासी जय का लाइसेंस 19 जनवरी 2008 को बना।
फर्जी नाम से सिम कार्ड
मदारीपुरवा निवासी राम सिंह दिलीपनगर पुरा बुजुर्ग शिवराजपुर के संतराम के नाम पर सिम प्रयोग कर रहा था। बिकरू निवासी मोनू के पास सिम शशिकांत पांडेय के नाम पर निकला। विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे निगोहा मऊ निवासी महेश के नाम पर सिम का प्रयोग कर रही थी। शिव उर्फ आशुतोष त्रिपाठी का सिम मलेप हरसेनपुर के मनीष यादव के नाम पर था। अमर दुबे की मां शांति देवी अमरोहिया रसूलाबाद निवासी जयराम के नाम पर सिम का प्रयोग कर रही थी। अमर दुबे की पत्नी का सिम ईडब्ल्यूएस, पनकी गंगागंज, रतनपुर कॉलोनी निवासी एक शख्स के नाम पर है। विकास के नौकर दयाशंकर की पत्नी रेखा का सिम बिकरू की क्षमा देवी के नाम है। विकास के साथी विष्णुपाल उर्फ जिलेदार का सिम रावतपुर के चंद्रपाल यादव के नाम पर है। विकास के भाई दीपक का सिम दयाशंकर के नाम है।