24 April, 2025 (Thursday)

ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को आज के दिन करना चाहिए ये काम, मन की हर कामना होगी पूरी

आज पौष कृष्ण पक्ष की चतुर्दर्शी तिथि और गुरुवार का दिन है। चतुर्दर्शी तिथि आज शाम 7 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। आज रात 10 बजकर 7 मिनट पर बुद्धदेव उत्तराषाढा में गोचर करने से मक्का, जौ, चना और गेहूं अनाज सस्ते हो सकते हैं। आज शाम 5 बजकर 44 मिनट तक शूल योग रहेगा। शूल योग में किए गए कार्य से हर जगह दुख ही दुख मिलते हैं। वैसे तो इस योग में कोई काम कभी पूरा होता ही नहीं परंतु यदि अनेक कष्ट सहने पर पूरा हो भी जाए तो शूल की तरह हृदय में एक चुभन सी पैदा करता रहता है। इस योग में कोई भी कार्य न करें अन्यथा आप जिंदगी भर पछताते रहेंगे।

साथ ही आज का पूरा दिन पार कर के अगली भोर 4 बजकर 3 मिनट तक ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में स्थित कुल 27 नक्षत्र नौ-नौ की संख्याओं में तीन श्रृंखला में बंटे हुए हैं। इसमें से पहली श्रृंखला की शुरुआत अश्विनी नक्षत्र से होती है, जबकि नौ नक्षत्रों की दूसरी श्रृंखला का अंत ज्येष्ठा नक्षत्र पर होता है। आकाशमंडल में गिनती के आधार पर ज्येष्ठा नक्षत्र 18वां नक्षत्र है। ज्येष्ठा का अर्थ होता है- बड़ा। साथ ही तावीज़ को ज्येष्ठा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। तावीज को सामान्यतः लोग किसी तरह की निगेटिविटी से अपनी रक्षा के लिए पहनते हैं। अतः ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रतीक चिन्ह को रक्षा, सुरक्षा और प्रभुत्व के साथ भी जोड़कर देखा जाता है।

जैसा कि हम पहले भी कई बार आपको बता चुके हैं कि हर नक्षत्र का संबंध किसी न किसी वनस्पति या पेड़-पौधे से होता है। ज्येष्ठा नक्षत्र का पेड़ चीड़ है, और जिस नक्षत्र का जो पेड़ होता है, उस नक्षत्र से संबंधित व्यक्ति को उस पेड़ की पूजा करनी चाहिए। अतः जिन लोगों का जन्म ज्येष्ठा नक्षत्र में हुआ है उन लोगों को आज ज्येष्ठा नक्षत्र के दौरान चीड़ के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और उसके सामने हाथ जोड़कर नमस्कार करना चाहिए।इससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

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