जिस भारतीय चयनकर्ता ने रिषभ पंत को दिए सबसे ज्यादा मौके, अब उसी ने उठाए सवाल
Ind vs Aus: भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए दूसरे और गुरुवार से सिडनी में शुरू हुए तीसरे टेस्ट के लिए अनुभवी विकेटकीपर रिद्धिमान साहा की जगह रिषभ पंत को प्लेइंग इलेवन में चुना था, लेकिन भारतीय टीम मैनेजमेंट का यह फैसला उस समय गलत होता दिखाई दिया, जब तीसरे टेस्ट के पहले दिन गुरुवार को रिषभ पंत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कई मौके गंवाए।
रिषभ पंत ने तीसरे टेस्ट के वर्षा बाधित पहले दिन दो बार विल पुकोवस्की को जीवनदान दिया। पंत ने पहले 26 और फिर 32 रन के स्कोर पर पुकोवस्की का कैच छोड़ा, जिन्होंने बाद में 62 रन की पारी खेली। पंत ने पहले आर अश्विन की गेंद पर और फिर मोहम्मद सिराज की गेंद पर पुकोवस्की का कैच छोड़ा। इसी का फायदा उन्होंने उठाया और शानदार अर्धशतक जड़ा। बाद में उनको नवदीप सैनी ने lbw आउट किया था।
पंत की इस खराब विकेटकीपिंग की आलोचना सोशल मीडिया पर भी बहुत हो रही है। इस लिस्ट में अब और नाम जुड़ गया है, जिसने रिषभ पंत की आलोचना की है। जी हां, पूर्व भारतीय विकेटकीपर और मुख्य चयनकर्ता के तौर पर रिषभ पंत को तमाम मौके देने वाले एमएसके प्रसाद ने भी उनकी आलोचना की है और कहा है कि उनकी मौजूदा फिटनेस विकेटकीपर के जैसी नहीं है। साथ ही साथ उन्हें विकेटकीपिंग के कौशल पर भी काम करने की जरूरत है।
2020 की शुरुआत में मुख्य चयनकर्ता का कार्यकाल पूरा करने वाले एमएसके प्रसाद ने न्यूज एजेंसी से कहा, “सबसे पहले, उन्हें अपनी फिटनेस पर काम करना होगा, न कि केवल अपनी सामान्य फिटनेस पर बल्कि विकेटकीपिंग के लिए विशेष फिटनेस पर भी। गेंदों को पकड़ने के लिए विकेटकीपर दोनों तरफ मूवमेंट करना पड़ता है। वह केवल कूद रहे हैं। यदि आप फिट हैं, तो आप दोनों तरफ मूव करेंगे। यदि आप फिट नहीं हैं, तो आप सिर्फ एक तरफ ही मूव करेंगे। उन्होंने पिछली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अच्छा प्रदर्शन किया था।”
प्रसाद ने आगे कहा कि पंत को काफी अभ्यास करने की जरूरत है। पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, “उन्हें वापस अपनी बुनियादी चीजों में सुधार करना होगा। उन्हें विकेटकीपिंग, रिएक्शन टाइम, पूवार्नुमान और गेंद को अंत तक देखने के कौशल में सुधार करना है।” इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोटिंग ने भी पंत की खराब विकेटकीपिंग की आलोचना की थी, जो उनके साथ दिल्ली कैपिटल्स में मुख्य कोच के तौर पर रहे हैं।