02 November, 2024 (Saturday)

बाल खींचे, जमीन पर पटका… दत्तक ग्रहण केंद्र में चीखती-चिल्लाती रही बच्चियां और प्रोग्राम मैनेजर पीटती रही

कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर से मासूम बच्चों के साथ बर्बरता का एक खौफनाक वीडियो सामने आया है। यहां के शिवनगर स्थित दत्तक ग्रहण केंद्र मासूमों के लिए यातना गृह बन गया है। यहां बच्चों की देखभाल और भरण पोषण नहीं भल्कि बच्चों के साथ बर्बरता की जा रही है जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह एक महिला बच्ची के बाल पकड़ उसे उठाकर जमीन पर पटक रही है। इस वीडियो के सामने आने के बाद इन केंद्रों में बच्चियों की सरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे है।

मासूम को जमीन पर पटक-पटककर पीटा

वीडियो में दिख रहा है एक महिला बच्चों की बेदर्दी से पिटाई कर ही है। महिला ने एक बच्ची को पहले हाथ से मारा फिर बाल पकड़कर उठाकर जमीन पर पटक दिया। जमीन पर गिरी बच्ची को दोबारा फिर से खड़ा कर एक बांह पकड़कर पलंग पर पटक दिया। इस दौरान बच्ची चीखती है, चिल्लाती है और रोने लगती है लेकिन महिला को उस पर तरस नहीं आया और वह पिटती रही। इस दौरान पास से ही दो आया भी गुजरती हैं लेकिन उनकी हिम्मत नहीं होती कि इस बर्बरता को वह रोक सके। इसके बाद महिला दूर खड़ी बच्ची को पास बुलाकर उससे भी बुरी तरह मारपीट करती है। इतना करने के बाद भी महिला का गुस्सा शांत नहीं होता तो वह बच्चों के साथ गाली गलौच करती है।

आपको बता दें कि इस वीडियो में दिख रही महिला कोई और नहीं यहां पदस्थ प्रोग्राम मैनेजर सीमा द्विवेदी बताई जा रही है जो बच्चियों के साथ आए दिन इसी तरह मारपीट करती है जिससे बच्चियां भी डरी सहमी हुई रहती है।

सुरक्षा के लिए लगाए गए CCTV रात में हो जाते है बंद
कांकेर के इस दत्तक ग्रहण केंद्र में 0 से 6 वर्ष तक के यतीम बच्चों को रखा जाता है। यहां बाहरी लोगों का आना जाना मना है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं जो रात में प्रोग्राम मैनेजर बंद कर दिया करती है। मैनेजर की इस हरकत से बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

मैनेजर की पहले भी हो चुकी है शिकायत
केंद्र की महिला मैनेजर के खिलाफ जिसने भी आवाज उठाई उसे निकाल दिया गया। इसका विरोध करने वाले 8 कर्मचारियों को एक साल में बाहर निकाल दिया गया है। शिकायत महिला बाल विकास विभाग तक पहुंची लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई नहीं होने से प्रोग्राम मैनेजर का हौसला बुलंद रहा और वह बच्चों के साथ इस तरह की बर्बरता करती रही जो अब भी जारी है।

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