भारत सरकार ने शुरू की अनोखी स्कीम, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को होगा फायदा, जानें क्या है योजना
भारत सरकार ने देश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक नई पहल शुरू की है। इस स्कीम के तहत लोग अपने सहायक कर्मचारियों को पेंशन देने में सहायता कर सकेंगे। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को लोगों को उनके सहायक कर्मचारियों की पेंशन निधि में योगदान देने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) के तहत ‘डोनेट-ए-पेंशन’ कार्यक्रम शुरू किया। बता दें कि आज शुरू किया गया यह कार्यक्रम 7 से 13 मार्च तक मनाए जा रहे ‘आइकॉनिक वीक’ में शुरू किए जाने वाले श्रम मंत्रालय की कई पहलों का हिस्सा है।
3,000 रुपये प्रति माह की मिलेगी पेंशन
पीएम-एसवाईएम के तहत असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिक ई-श्रम रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस स्कीम के तहत असंगठित क्षेत्र में 18-40 वर्ष के बीच के श्रमिक अपनी उम्र के आधार पर हर साल न्यूनतम 660 से 2400 रुपये जमा कर सकते हैं। इसका फायदा यह है कि वे 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद न्यूनतम 3,000 रुपये प्रति माह की पेंशन पा सकते हैं।
माली को दान करके की शुरूआत
मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज अपने आवास पर अपने माली को दान करके ‘डोनेट-ए-पेंशन’ कार्यक्रम शुरू किया। यह (पीएम-एसवाईएम) पेंशन योजना के तहत एक पहल है, जहां नागरिक अपने सहायक कर्मचारियों जैसे घरेलू कामगारों, ड्राइवरों और हेल्पर्स आदि के प्रीमियम योगदान में दान कर सकते हैं।
श्रम मंत्रालय कई पहलों की करेगा शुरुआत
बता दें कि श्रम मंत्रालय ‘आइकॉनिक वीक’ के तहत कई गतिविधियां करेगा। इन गतिविधियों में ई-श्रम 25 करोड़ पंजीकरण का जश्न मनाना, उमंग ऐप पर ई-श्रम का शुभारंभ, ‘डोनेट-ए-पेंशन’ का शुभारंभ, राष्ट्रीय करियर सेवा केंद्रों द्वारा नौकरी मेला, प्लेसमेंट ड्राइव और प्लेसमेंट-उन्मुख शिविर शामिल हैं।