इमरान खान के लिए मुसीबत बनी पाकिस्तान चुनाव आयोग की रिपोर्ट, पीएमएल-एन ने मांगा इस्तीफा
पाकिस्तान में विपक्ष लगातार इमरान खान सरकार के ऊपर अपना शिकंजा कसता ही जा रहा है। पाकिस्तान चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट ने सरकार की मुश्किलों को और बढ़ाने का काम किया है। इसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री इमरान खान से इस्तीफा देकर कानून का सामना करने को कहा है। दरअसल, इसीपी की रिपोर्ट में साफतौर पर कहा गया है कि डास्का के उप-चुनाव में अनियमितता बरती गई।
इस पर शाहबाज शरीफ ने इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा हे कि इसीपी की रिपोर्ट के बाद उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। इसलिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। इसीपी की ये रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में इसीपी ने कहा है कि नेशनल असेंबली की सीट नंबर 75 डास्का में चुनाव अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन ने अपना काम सही से नहीं किया और ये गैरकानूनी रूप से दूसरे लोगों के हाथों की कठपुतली बन कर रह गए।
रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि चुनाव से संबंधित मैटेरियल और वहां मौजूद पोलिंग स्टाफ की भी सुरक्षा को ध्यान में नहीं रखा गया। रिपोर्ट में इस चुनाव में पुलिस की भूमिका पर भी संदेह प्रकट किया है। इसमें कहा गया है कि ये पूरा चुनाव प्रभावित किया गया है। पाकिस्तान मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इसमें कहा गया है कि इस चुनाव को सही से कराने के लिए पुलिस को जो जिम्मेदारी दी गई थी उसको सही से पूरा नहीं किया गया। पुलिस की इसमें या तो पूरी मिलीभगत थी था या फिर वो किसी तरह से प्रभावित थी या फिर उस पर दबाव डालकर गलत काम करवाया गया। लेकिन इससे पूरी चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हुई है। पुलिस को पता था कि उसके आसपास क्या हो रहा है, फिर भी वो खामोश रही।
एक बयान में शाहबाज शरीफ ने कहा है कि लोगों से उनके अधिकारों को छीन लिया गया। इमरान खान नियाजी को इस बारे में बताना चाहिए। आखिर चुनाव आयोग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद वो किस बात का इंतजार कर रहे हैं। नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इसीपी की रिपोर्ट पर जवाबदेह बनना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए नवाज शरीफ की तरह एक मजबूत दिल चाहिए। शाहबाज शरीफ ने ये भी कहा कि वो इमरान खान द्वारा किए जा रहे चुनाव सुधार के नाम पर होने वाले बदलावों को सही नहीं मानते हैं। वो इसके विरोधी हैं। शरीफ ने ये भी कहा कि वो इस मुद्दे पर दूसरी राजनीतिक पार्टियों से भी सहयोग लेगी।