23 November, 2024 (Saturday)

श्रीलंका को तत्काल मदद करे आईएमएफ: निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्रीलंका के भारी आर्थिक संकट और भारत द्वारा की जा रही मदद का हवाला देते हुये अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से इस पड़ोसी देश को तत्काल मदद दिये जाने की अपील की है।
श्रीमती सीतारमण ने आज यहां अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष -विश्व बैंक (आईएमएफ- डब्ल्यूबी) की बैठक के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के साथ बैठक में विभिन्न मुद्दाें पर चर्चा की जिसमें श्रीलंका का मुद्दा भी शामिल है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि आईएमएफ द्वारा श्रीलंका को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए। प्रबंध निदेशक ने वित्त मंत्री को आश्वासन दिया कि आईएमएफ श्रीलंका के साथ सक्रिय रूप से संपर्क जारी रखेगा।

सुश्री जॉर्जीवा ने भारत के टीकाकरण कार्यक्रम तथा अपने पड़ोसी और अन्य कमजोर अर्थव्यवस्थाओं को दी गई सहायता की प्रशंसा की। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक ने विशेष रूप से श्रीलंका के कठिन आर्थिक संकट के दौरान भारत द्वारा दी जा रही मदद का उल्लेख किया।

हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं पर चर्चा करते हुए श्रीमती सीतारमण और सुश्री जॉर्जीवा ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इनके प्रभाव और इनके कारण ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से जुड़ी चुनौतियों को लेकर चिंता व्यक्त की।
वित्त मंत्री और प्रबंध निदेशक दोनों के साथ वरिष्ठ अधिकारीगण मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत वी. नागेश्वरन और आईएमएफ की एफडीएमडी गीता गोपीनाथ भी मौजूद थी। बैठक के दौरान वित्त मंत्री और प्रबंध निदेशक ने भारत के महत्वपूर्ण मुद्दों के अलावा वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की।

सुश्री जॉर्जीवा ने भारत की समस्याओं से उबरने की क्षमता को रेखांकित किया, जो कोविड -19 महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होने वाला देश बना हुआ है। सुश्री जॉर्जीवा ने भारत द्वारा लागू की गयी एक मिश्रित नीति का भी उल्लेख किया, जो प्रभावी थी और जिसे अच्छी तरह से लक्षित किया गया था। उन्होंने आईएमएफ की क्षमता-विकास गतिविधियों में योगदान के लिए भारत की सराहना की।
भारत के नीतिगत दृष्टिकोण की व्याख्या करते हुए वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि एक समावेशी राजकोष के लिए संरचनात्मक सुधार किये गए हैं, जिनमें दिवालियापन संहिता और एमएसएमई व अन्य कमजोर वर्गों के लिए लक्षित सहायता शामिल हैं।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि उदार रूख के साथ मौद्रिक उपायाें से इन प्रयासों को पूर्ण समर्थन दिया है और पूरक के रूप में कार्य किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को अच्छे कृषि उत्पादन से मदद मिली है। कोविड महामारी के दौरान अच्छे मानसून से कृषि को समर्थन मिला। अन्य निर्यातों के साथ-साथ कृषि निर्यात में भी तेजी से वृद्धि हुई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत नई आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत कर रहा है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े कुछ मुद्दों को हल करने में मदद करेंगी।
इससे पहले श्रीमती सीतारमण ने श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी के साथ अगल से भेंट कर इस पड़ोसी मुल्क को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
श्रीमती सीतारमण अभी अमेरिका की यात्रा पर है। वह वहां आईएमएफ विश्व बैंक की बैठक में भाग लेने के लिए गयी हुयी है।

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