ICAI ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, CA परीक्षा ऑनलाइन करना संभव नहीं



इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि आगामी सीए परीक्षा ऑनलाइन मोड से आयोजित नहीं कराई जा सकती क्योंकि इस एग्जाम के जरिए छात्रों की एनालिटिकल क्षमता परखी जाती है। कुछ छात्रों ने मांग की थी कि कोविड-19 महामारी के चलते सीए की परीक्षा ऑनलाइन मोड से आयोजित होनी चाहिए।
आईसीएआई ने कहा कि 3 घंटे की परीक्षा में अलग-अलग पैटर्न के प्रश्न पूछे जाते हैं जिसमें टिक मार्क वाले नहीं बल्कि विस्तार से उत्तर देते होते हैं।
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आईसीएआई को निर्देश दिया कि वह अपनी वेबसाइट पर और विज्ञप्ति जारी करके उम्मीदवारों को यह बताये कि परीक्षा आयोजित करने के लिए उसने कोविड-19 से संबंधित दिशानिदेर्शों के अनुपालन की क्या योजना बनायी है।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 21 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक होने वाली सीए परीक्षा के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के निधार्रण संबंधी याचिका का निपटारा कर दिया।
सीए परीक्षा 21 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच आयोजित होगी।
याचिकाकर्ता उम्मीदवारों की ओर से पेश वकील बांसुरी स्वराज ने न्यायालय को अवगत कराया कि उन्होंने उम्मीदवारों की चिंताओं के संबंध में आईसीएआई के वकील रामजी श्रीनिवासन से बात हुई थी।
याचिका पर सुनवाई के दौरान आईसीएआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि उनके पास परीक्षा केन्द्रों के रूप में अलग से कमरा नहीं है और न ही चिकित्सकों की सुविधा है।
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार याचिकाकर्ताओं की वकील बांसुरी स्वराज द्वारा दिये गये सारे सुझावों पर विचार किया है।
उन्होंने कहा, ”यह सुझाव दिया गया है कि हम यह परीक्षा ऑनलाइन कर सकते हैं। हमारी परीक्षा का स्वरूप भिन्न है और इसलिए हम ऑनलाइन परीक्षा आयोजित नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा में छात्रों की विश्लेषण क्षमता परखी जाती है।”
पीठ ने स्वराज से कहा कि याचिकाकर्ताओं को अपनी मांगों के बारे में तर्कसंगत होने की आवश्यकता है और वह उनके रवैये से संतुष्ट नहीं है।
श्रीनिवासन ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यातायात और आवास की सुविधा मांगी है लेकिन यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आईसीएआई ने गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि कराने के लिये ई-प्रवेश पत्र से होटल बुक कराने की अनुमति दी जाये।
पीठ ने कहा कि यह पहले की तरह ही राज्य से जुड़ा मुद्दा है जब इसी तरह के सुझाव पर सरकार राजी हो गयी थी। पीठ ने स्वराज से सवाल किया कि जब प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखने हैं तो ऑन लाइन परीक्षा कैसे हो सकती है। ऐसा कैसे हो सकता है।
पीठ ने कहा, ”ऐसा कैसे हो सकता है? सिर्फ इसलिए कि न्यायालय ने कई बातों की अनुमति दी हैं, आप लगातार मांग नहीं कर सकते। अपनी मांगों के प्रति तर्कसंगत होइये।
पीठ ने आईसीएआई से कहा कि वह याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गयी समस्याओं के बारे में सारी सूचना वेबसाइट पर जारी करे। इसके साथ ही न्यायालय ने याचिका का निबटारा कर दिया।