हॉस्टल अलॉट न होने से दिल्ली के बाहर से आए स्टूडेंट्स के लिए आवास की समस्या
महामारी के चलते दो वर्षों से अधिक समय तक बंद रहने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय को आखिरकार वीरवार, 17 फरवरी 2022 से फिर से खोल दिया गया है। विभिन्न कोर्सेस स्टूडेंट्स के लिए ऑफलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई विश्वविद्याल द्वारा शुरू कर दी गई है। हालांकि, डीयू रिओपेनिंग 2022 पर विश्वविद्यालय पहुंचे स्टूडेंट्स में मिलीजुली प्रतिक्रिया रही। जहां, डीयू में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू किए जाने की सोशल मीडिया के माध्यम से मांग करे छात्र-छात्राओं में परिसर फिर से खोले जाने पर उत्साह दिखा तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली के बाहर से आए डीयू के छात्र पर वापसी पर परेशान दिखे। ज्यादातर स्टूडेंट्स को या तो हॉस्टल का अलॉटमेंट अभी तक नहीं हुआ है या कैंपस के आस-पास आवास ढूंढने के समस्यायें सामने आईं।
दूसरी तरफ, दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रकाशित मीडिया खबरों के मुताबिक स्टूडेंट्स को हॉस्टल के अलॉटमेंट देरी हो सकती है। ऐसे में जिन छात्रों को छात्रावास न मिलने से अन्यत्र अस्थायी निवास जैसे पीजी, आदि की तलाश करनी पड़ रही है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अपडेट के अनुसार, कई स्टूडेंट्स ने ‘हॉकिश लैंडलॉर्ड’ (गिद्ध प्रवृत्ति के मकान-मालिक) की स्थिति की भी शिकायत की।
दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा कैंपस फिर से खोले जाने से पहले हॉस्टल अलॉट न होने के कारण एक डीयू के छात्र ने कहा, “छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन वैसे अगर हुआ भी होता तो भी सीटें सीमित हैं और छात्रों को एक मेरिट लिस्ट के आधार पर ही छात्रावास के कमरे दिए जाते हैं, इसलिए बहुत कम छात्र उन्हें प्राप्त करते हैं।”
वहीं, वर्ष 2021-22 के दौरान दाखिला लिए ऐसे सभी छात्र-छात्राएं जो कि बाहर से आए और पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय के परिसर पहुंचे थे उन्हें और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जबकि परीक्षाएं मार्च में शुरू होनी संभावित हैं, ये छात्र-छात्राएं अपनी बुक्स के साथ-साथ बैगेज रखने के लिए जगह तलाशने की जद्दोजहद कर रहे हैं। भले ही डीयू द्वारा पहले वर्ष के छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में भी शामिल होने की अनुमति दी गई थी, लेकिन घोषणा के पहले ही इन छात्रों ने दिल्ली की यात्रा शुरू कर दी थी।