गृह मंत्रालय ने संसद में दी जानकारी, FCRA के तहत 2020 से अब तक 466 संस्थाओं के लाइसेंस खारिज
संसद के बजट सत्र (Parliament Budget Session 2022) के दूसरे चरण की कार्यवाही के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि गृह मंत्रालय ने 2020 से विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत संस्थानों के कुल 466 लाइसेंस खारिज कर दिए हैं। नित्यानंद राय कांग्रेस नेता सुरेश कोडिकुन्निल के सवाल का जवाब दे रहे थे।
नित्यानंद राय ने बताया कि 2020 में लाइसेंस के नवीनीकरण के 100 याचिकाएं खारीज की गई थी। साल 2021 में 341 और 21 मार्च तक 25 लाइसेंस और खारिज किए गए हैं। लाइसेंस खारिज होने का कारण बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इन आवेदनों को एफसीआरए 2010 के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार मानदंडों को पूरा नहीं करने के कारण खारिज किया गया था।’
डोला सेन पर कार्रवाई की मांग
उधर, भाजपा के तीन सांसदों ने टीएमसी सांसद डोला सेन द्वारा रूपा गांगुली पर टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ संसद में विशेषाधिकार नोटिस दिया है। बीरभूम की घटना पर भाजपा सांसद रूपा गांगुली को बोलने की अनुमति देने के लिए डोला सेन ने उपसभापति के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा सांसद, राकेश सिन्हा, सुधांशु त्रिवेदी और रूपा गांगुली ने विशेधाधिकार नोटिस देकर डोला सेन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को उपसभापति हरिवंश पर उनकी टिप्पणी को “अवमाननापूर्ण” करार दिया।
एक वीडियो में डोला सेन को कहते सुना जा सकता है, ‘हरिवंश ने शून्यकाल में रूपा गांगुली को बोलने की अनुमति देकर भाजपा के कार्यकर्ता जैसा काम किया है।’ भाजपा के सूत्रों ने कहा कि सेन की टिप्पणियों ने उपसभापति के पद और सदन की बेइज्जती की है।
चर्चा के दौरान राज्यसभा में रोई थीं रूपा
बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई घटना पर शुक्रवार को राज्यसभा में चर्चा हुई थी। चर्चा के दौरान भाजपा सांसद रूपा गांगुली फफक-फफक कर रोने लगी थीं। चर्चा के दौरान रूपा ने कहा था कि बीरभूम हिंसा में इस बार सिर्फ 8 लोग मरे हैं। ज्यादा लोगों के मरने से फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन बात यह है कि लोगों को जला कर मारा जाता है। बंगाल की पुलिस पर भरोसा नहीं है। राज्य में बीते 7 दिनों में 26 पॉलिटिकल मर्डर हुए हैं। रूपा गांगुली ने इस घटना को लेकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की थी।
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीरभूम हिंसा की सीबीआइ से जांच कराने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से मामले की केस डायरी व स्टेट्स रिपोर्ट तलब किया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को सीबीआइ जांच में पूरा सहयोग देने का भी निर्देश दिया है। इस हिंसा में दस लोगों को जिंदा जला देने का आरोप है। हालांकि पुलिस आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। मृतकों में दो बच्चे भी हैं।