ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में देरी को दूर करना चाहते हैं बाइडन, लाखों भारतीयों को मिलेगा लाभ
व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ग्रीन कार्ड जारी करने से जुड़ी प्रणाली में देरी की समस्या को दूर करना चाहते हैं। इस कदम से एच-1बी वीजा पर अमेरिका में काम करने वाले लाखों भारतीय पेशेवरों को काफी लाभ होगा। ग्रीन कार्ड को आधिकारिक तौर पर स्थायी आवासीय कार्ड के रूप में जाना जाता है। उच्च कौशल वाले भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवर ज्यादातर एच-1बी वर्किग वीजा पर अमेरिका आते हैं। वे मौजूदा आव्रजन प्रणाली का सबसे ज्यादा खामियाजा उठा रहे हैं, क्योंकि भारतवासियों के लिए ग्रीन कार्ड का सात फीसद कोटा तय कर दिया गया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने शुक्रवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘राष्ट्रपति निश्चित तौर पर ग्रीन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में देरी को भी दूर करना चाहते हैं।’ साकी एक अक्टूबर को लगभग 80 हजार अप्रयुक्त रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड की बर्बादी से संबंधित सवाल का जवाब दे रही थीं। ग्रीन कार्ड की बर्बादी इसलिए हुई, क्योंकि यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे लाखों लोगों को इन्हें आवंटित करने में असमर्थ रहे।
भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवरों ने बाइडन प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस से उन ग्रीन कार्ड स्लाट को खत्म नहीं होने देने के लिए आवश्यक कानूनी बदलाव का आग्रह किया था। कई भारतीय प्रौद्योगिकी पेशेवर ग्रीन कार्ड का दशकों से इंतजार कर रहे थे। भारतीय पेशेवरों, उनके परिवार व आश्रितों के लिए ग्रीन कार्ड सबसे बड़ी चिंता की वजह भी है।
हफ्ते की शुरुआत में कांग्रेस सदस्य मैरिएननेट मिलर-मीक्स ने रोजगार वीजा सुरक्षा विधेयक पेश किया, जो यूएससीआइएस को वित्तीय वर्ष 2020 व 2021 में उपयोग के लिए अप्रयुक्त रोजगार आधारित वीजा को संरक्षित करने की अनुमति देगा। मैरिएननेट ने कहा था कि उनकी यह पहल कोविड महामारी से जूझ रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी। इससे पहले वित्त वर्ष 2020 में कुल 1.22 लाख परिवार वरीयता वीजा अप्रयुक्त रह गए थे।