गोरखपुर के होटल में चौकी प्रभारी ने शुरू किया था हैवानियत का सिलसिला, नशे में थे पुलिसकर्मी
मनीष हत्याकांड में चश्मदीद साथियों ने तो बयान दर्ज कराए हैं, एसआइटी की छानबीन में भी सामने आया है कि होटल के कमरे में घुसी पुलिस ने कैसेे हैवानियत का सिलसिला शुरू किया था। एसआइटी के साथ गए मनीष के बहनोई ने मीनाक्षी व स्वजन को एसआइटी की कार्रवाई से अवगत कराया। छानबीन में सामने आया था कि सभी पुलिसकर्मी शराब के नशे में थे। चौकी प्रभारी अक्षय ने ही सबसे पहले मारपीट शुरू की थी, जिसका मनीष ने विरोध किया था। इस पर जगत नारायण ने मारपीट शुरू की थी।
दिवंगत मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि बहनोई रोहित ने एसआइटी की कार्रवाई बताई है। पहले दिन 12 बजे से कार्रवाई शुरू होकर रात ढाई बजे तक चली थी। एसआइटी की छानबीन में पता चला है कि पुलिस सिर्फ मनीष के कमरे को ही टारगेट करके वहां पहुंची। देर रात कमरा खुलवाकर अंदर दाखिल हुई थी। शराब के नशे में पुलिस कर्मियों ने आइडी कार्ड मांगने शुरू किए। फिर बैग की तलाशी लेनी शुरू की थी। इस पर प्रदीप ने टोका था कि अगर आइडी चेक करनी थी तो काउंटर पर मांग लेते, वहां से पता चल जाता।
बैग की तलाशी लेने पर गुरुग्राम निवासी हरवीर ने विरोध किया था। हरवीर से कहासुनी होने पर नशे में आए चौकी प्रभारी अक्षय कुमार मिश्रा ने उससे मारपीट करते हुए गाड़ी में डालकर थाने ले जाने की बात कही थी। मारपीट के विरोध पर मनीष ने भांजे दुर्गेश को फोन किया था तो थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह ने मारपीट करनी शुरू कर दी थी। तब तक उसे पीटा जब तक उसका दम नहीं निकल गया।
एसआइटी 90 फीसद जुटा चुकी है साक्ष्य : अब तक एसआइटी 90 फीसद साक्ष्य जुटा चुकी है। मीनाक्षी ने बताया कि सभी साक्ष्य गोरखपुर पुलिस के खिलाफ हैं। अभी 10 फीसद और साक्ष्यों का संकलन किया जाना है। एसआइटी के कुछ सदस्य गोरखपुर में ही हैं। हत्यारोपितों की गिरफ्तारी न होने से केस आगे बढ़ नहीं पा रहा है।
पहले भी कर चुका है घटना : मीनाक्षी ने बताया कि घटना की जानकारी पर गोरखपुर गए थे तो वहां थाना प्रभारी जगत नारायण के बारे में अन्य पुलिस कर्मियों से पूछताछ की थी। पता चला कि वह पहले भी कई लोगों को इस तरह से मार चुका है। यह भी जानकारी हुई है कि जगत नारायण की बर्बरता का शिकार हुए लोगों में एक परिवार गोरखपुर का भी है। हालांकि उस पीडि़त परिवार के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल सकी है।