नई दिल्ली, टेक डेस्क। सर्च इंजन प्लेटफॉर्म Google को यूरोप में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल यूरोप में एंड्राइड डिवाइस में डिफाल्ट सर्च इंजन के तौर पर Google को अन्य सर्च इंजन प्लेटफॉर्म से काफी टक्कर मिल रही है. ऐसा दो साल पहले लागू यूरोप के एंटीट्रस्ट रेग्यूलेट नियमों के चलते हैं, जिसे चलते Google पर जुर्माना भी लगाया गया था। Google पर साल 2018 में यूरोपियन एंटीट्रस्ट अथॉरिटी की तरफ से 4.24 बिलियन यूरो ( 5.16 बिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया था।

जल्द अन्य देश लागू करेंगे नये नियम 

बता दें कि Google दुनिया का सबसे पॉप्युलर इंटरनेट सर्च इंजन प्लेटफॉर्म है। Google  पर दुनियाभर के करीब 27 देश नये नियम लागू करने जा रहे हैं। ऐसी उम्मीद है कि नये नियमों को अगले 2 साल में ज्यादातर देशों में लागू कर दिया जाएगा। इससे Google, Amazon, Apple और Facebook के खिलाफ बाकी टेक कंपनियों को बराबरी का कंप्टीशन करने का मौका मिलेगा। बता दें कि Google जैसी टेक कंपनियों पर मनमानी करने का आरोप है, जिससे बाकी टेक कंपनियों को लेवल प्लेइंग ग्राउंट नहीं मिलता है।

5 में से 4 स्मार्टफोन में इस्तेमाल होता है Google सर्च इंजन प्लेटफॉर्म 

एक रिपोर्ट के मुताबिक Google का एंड्राइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया के 5 में से 4 स्मार्टफोन में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि भारी दबाव के बाद Google ने अपने स्टैंड में बदलाव का ऐलान किया है।Google डायरेक्टर Oliver Bethell ने ब्लॉग पोस्ट से ऐलान किया है कि अब एंड्राइड यूजर्स को सर्च इंजन प्लेटफॉर्म को चुनने का विकल्प मुहैया कराया जाएगा। Google के नये बदलाव सितंबर से लागू होंगे।