गोवा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, टीएमसी में शामिल हो सकते हैं पूर्व सीएम फलेरियो
अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को गोवा में बड़ा झटका लगने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लुईजिन्हो फलेरियो सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो सकते हैं। उनके आज एक प्रेस कान्फ्रेंस करने की संभावना है, जहां वह पार्टी छोड़ने की घोषणा कर सकते हैं।
फलेरियो गोवा के सबसे बड़े नेताओं में से एक और कांग्रेस के गढ़ नावेलिम से विधायक हैं। कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका इसलिए है, क्योंकि फलेरियो को इस सप्ताह की शुरुआत में गोवा के लिए जारी चुनाव समितियों में समन्वय समिति का प्रमुख बनाया गया था। वह हाल ही में पूर्वोत्तर राज्यों के एआइसीसी प्रभारी रहे थे। फिलहाल गोवा विधानसभा में कांग्रेस के पांच विधायक हैं।
कांग्रेस से 2012 से राज्य की सत्ता से बाहर है। ऐसे में फलेरियो का जाना निश्चित रूप से पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। सूत्रों ने कहा कि फलेरियो टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं और आज शाम पार्टी में शामिल होने की घोषणा करेंगे। गोवा में पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, लेकिन लगातार दलबदल के कारण उसके पास केवल पांच विधायक रह गए हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) और अब टीएमसी जैसी अन्य पार्टियां राज्य में अपने पैर जमाने के मौके तलाश रही हैं।
टीएमसी ने अगले साल होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी योजना की घोषणा पहले ही कर दी है। तृणमूल कांग्रेस के चुनाव लड़ने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि गोवावासियों को कांग्रेस पर पूरा भरोसा है, जिसने लोगों की भावनाओं का सम्मान किया है। राज्य के लोग कभी भी राजनीतिक जुए और हथकंडों के शिकार नहीं होंगे और गोवा की पहचान से कभी समझौता नहीं करेंगे।
फलेरियो को रणनीति तैयार करने और गठबंधन बनाने का श्रेय दिया गया, जिसके कारण मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में सरकारें बनीं। 2013 में वह कर्नाटक प्रदेश विधानसभा चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष थे। गोवा में 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 40 सदस्यीय सदन में सबसे अधिक 17 सीटें जीतीं और भाजपा को 13 सीटें मिलीं। हालांकि, भाजपा ने चौंकाते हुए क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया और वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में सरकार बनाई।