घर के लिए फर्जी फॉर्म भरवाकर हजारों लोगों से की गई ठगी, ऐसे हुआ खुलासा



घर का सपना दिखाकर कुछ लोगों ने सरकारी योजनाओं के लिए हजारों लोगों से फर्जी तरीके से फॉर्म भरवा लिए। योजना में मकान दिलवाने के लिए 50 हजार रुपये तक में सौदा किया गया और फॉर्म भरवाने के नाम पर एक से दो हजार रुपये लेकर लाखों रुपये ठग लिए, जबकि जहां के लिए इन योजनाओं में आवेदन कराए गए, वहां विभाग की ओर से कोई योजना नहीं चल रही है।
जिलाधिकारी से शिकायत के बाद विभाग को इसकी भनक लगी, तब तक हजारों की संख्या में विभाग के पास आवेदन पहुंच चुके थे। मामले में जांच शुरू कर दी गई है। गरीबों के लिए शासन की ओर से कई योजनाएं चल रही हैं। इनमें कुछ नियमों के तहत गरीबों को मुफ्त में आवास उपलब्ध कराए जाते हैं। प्रशासन की ओर से इन आवास के लिए समय-समय पर आवेदन स्वीकार किए जाते हैं। मुफ्त में मिलने वाले आवास को लेकर जहां जरूरतमंदों को इसकी सही जानकारी नहीं होती तो वहीं कुछ लोग बिचौलियों के रूप में इसका लाभ उठाते हैं। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ है।
सरकारी योजनाओं में मुफ्त आवास दिलाने के नाम पर कुछ बिचौलियों ने गरीब व अनपढ़ लोगों को फंसाया। पूर्व से संचालित तीन योजनाओं में मकान दिलवाने के लिए 50-50 हजार रुपये तय किए गए। उसके बाद एक से दो हजार रुपये लेकर आवेदन फॉर्म भरवा दिए गए। शातिरों ने गरीबों से एक से दो हजार रुपये लेकर फॉर्म भरवाने के नाम पर ही लाखों रुपये ठग लिए। हजार से ज्यादा विभिन्न योजनाओं के लिए पहुंचे आवेदनों को लेकर डूडा भी परेशान हो गया। मामला डीएम के संज्ञान में पहुंचा तो इसकी जांच के आदेश दिए गए।
पूर्व कर्मचारियों की भूमिका पर भी संदेह : सूत्रों के अनुसार इस खेल में पूर्व में डूडा योजना में काम करने वाले कुछ लोग शामिल हैं। इनको योजनाओं के आवेदन के बारे में पूरी प्रक्रिया मालूम है। आवेदन कराने में कुछ विभाग के कर्मचारियों के भी लिप्त होने की आशंका जाहिर की जा रही है।
अभी कोई योजना नहीं : शासन की ओर से गरीबों के आवास के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं में प्रशासन की ओर से आवेदन मांगे जाते हैं। आवेदन प्राप्त होने के बाद उनकी जांच की जाती है। इसके बाद लॉटरी के माध्यम से आवासों का आवंटन किया जाता है। डूडा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में किसी भी योजना के लिए नए आवेदन नहीं मांगे हैं। अभी पुराने आवेदनों के जांच की जा रही है।