सटीएफ ने बिजली के इलेक्ट्रॉनिक मीटर में छेड़छाड़ कर रीडिंग घटा देने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी सीरिंज, रिमोट, चिप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से मीटर की रीडिंग कम करते हुए बिजली विभाग को चूना लगाते थे। इस काम के लिए ये लोग उपभोक्ता से भारी भरकम रकम भी वसूलते थे।
एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसे गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। गिरोह के कुछ सदस्यों के लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र में सक्रिय होने की जानकारी मिली तो उन्हें दबोच लिया गया। इनमें लखनऊ के आलमनगर का सतीश शर्मा, मड़ियांव का अर्जुन प्रसाद, आशियाना का सोनू पाल, जौनपुर का अली उमर और सीतापुर का रमन गौतम शामिल हैं। इनके पास से विभिन्न कंपनियों के 578 विद्युत मीटर, 556 सिरींज, 539 विभिन्न कंपनियों के चिप, 65 रिमोट, 3 मीटर डिस्पले वॉश आउट करने वाली मैगनीट्रॉन मशीन, 1 टेस्ट मीटर समेत भारी मात्रा में अन्य उपकरण बरामद किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि एक पूरा संगठित गिरोह इस धंधे में लगा हुआ था। पुलिस ने आशियाना थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया है।
ऐसे होता था खेल
मैगनीट्रॉन मशीन से मीटर की पूरी रीडिंग डिस्पले गायब कर दी जाती थी। उसके बाद रिमोट के माध्यम से नई रीडिंग मीटर में डाल दी जाती थी। नई रीडिंग के हिसाब से उपभोक्ता के पास बिल आता था, जबकि विभाग को इस खेल का अंदाजा ही नहीं लगता था। गिरोह चीन में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक चिप का इस्तेमाल कर रीडिंग में फेरबदल करते थे। रिमोट के माध्यम चलते मीटर को भी बंद कर दिया जाता था। गिरोह के लोग उपभोक्ताओं को रिमोट से रीडिंग कंट्रोल करने का तरीका भी बताते थे। सिरींज से मीटर के अंदर केमिकल डालकर छेड़छाड़ किया जाता था।
हर महीने लगा रहे करोड़ों का चूना
पुलिस का दावा है कि इस तरह के गिरोह अधिकतर जिलों में सक्रिय हैं। धंधेबाज इस खेल से जहां लाखों रुपये कमा रहे हैं वहीं, बिजली विभाग को करोड़ों का रोजाना चूना लग रहा है। अब एसटीएफ उन कंपनियों की भी जांच कर रही है जिन्हें बिजली विभाग की ओर से मीटर रीडिंग व फिटिंग का काम दिया गया था। क्योंकि इस खेल में शामिल युवकों का इतिहास इन्हीं कंपनियों से जुड़ा हुआ है।
10 से 50 हजार रुपये में गायब करते थे मीटर रीडिंग
पुलिस की पूछताछ में बिजली मीटर से छेड़छाड़ करने वाले गिरोह के सदस्यों ने कुबूल किया कि उनका नेटवर्क पूरे अवध क्षेत्र में फैला है। घरेलू व व्यावसायिक प्रयोग के मीटरों को स्लो करने का अलग-अलग दाम तय कर रखा था। कुबूलनामे के मुताबिक 10 से 50 हजार रुपये तक वसूली की गई।
एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक गिरोह का मास्टरमाइंड पवन कुमार पाल अभी गिरफ्त में नहीं आया है। उसका बेटा सोनू उर्फ समीर गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से बरामद चिप व रिमोट को परीक्षण के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है। एसटीएफ के मुताबिक यह गिरोह लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, हरदोई, बाराबंकी, अयोध्या, गोंडा, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, बलरामपुर, श्रावास्ती सहित कई इलाकों में सक्रिय है। एसटीएफ इस नेटवर्क से जुड़े सभी लोगों की कुंडली खंगाल रही है। वहीं आरोपियों के पास से मिले मोबाइल के कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। मोबाइल में कई संदिग्ध नंबर मिले है। जिन पर पांचों सदस्य व मास्टर माइंड लगातार बातचीत करता था। कुछ से व्हाट्सएप पर चैटिंग के भी रिकार्ड मिले हैं। उनके बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।