शिक्षा मंत्रालय ने भारत के सौ पर्यटन स्थलों में सासाराम को किया शामिल, आएंगे देश के भर के विद्यार्थी
पर्यटन के दृष्टिकोण से भरा-पूरा रोहतास जिले वासियों के लिए अच्छी खबर है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश व केंद्र की पर्यटन मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई सौ पर्यटन स्थलों की सूची में रोहतास जिला को भी शामिल किया है। देश के विभिन्न हिस्सों के कालेजों व विश्वविद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थी जिले के ऐतिहासिक व पर्यटन स्थलों का सैर कर उसके इतिहास व महत्व को जानने का काम करेंगे। जिस पर यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को अमल करने का भी निर्देश दे चुका है।
बौद्ध व सूफी सर्किट से
बौद्ध व सूफी सर्किट से सासाराम के जुड़े होने के बाद पर्यटन के दृष्टिकोण से इस शहर की महत्ता और बढ़ गई है। इसकी महत्ता को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने सौ पर्यटक स्थलों में स्थान दिया है। यहां आने वाले विद्यार्थी स्थलों के इतिहास, वैज्ञानिक योगदान व परंपराओं से अवगत होंगे, जिसे वे अबतक किताबों में पढ़ते रहे हैं। जहां इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं नई पीढ़ी को जिले की समृद्ध विरासत, संस्कृति, विविधता, ज्ञान व भाषा से जुडऩे का अवसर प्राप्त होगा। कारण कि शेरशाह मकबरा से लेकर रोहतासगढ़ किला, सम्राट अशोक का लघु शिलालेख, शेरगढ़ किला पर्यटन की दृष्टिकोण से अतिमहत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं ताराचंडी धाम, गुप्ता धाम, तुतला भवानी, चाचा फागुमल गुरुद्वारा, पायलट बाबा धाम साझी संस्कृति- साझी विरासत का परिचायक है।
इतिहासकार डा. श्याम सुंदर तिवारी की माने तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा मंत्रालय द्वारा सौ पर्यटन स्थलों की सूची में सासाराम में करना गौरव की बात है। सांस्कृति, ऐतिहासिक, धार्मिक व पर्यटन ²ष्टिकोण से यह जिला अपना महत्व रखता है। इससे जहां देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले विद्यार्थियों को यहां के इतिहास को जानने को मौका मिलेगा, वहीं पर्यटन की लिहाज से देश के मानचित्र पटल पर मजबूत होगा।
रोहतास जिला के ऐतिहासिक, पर्यटन व दर्शनीय स्थल
शेरशाह सूरी का मकबरा
रोहतासगढ़ किला
– शेरगढ़ किला
– हसन खां सूरी का मबकरा
-सम्राट अशोक का लघु शिलालेख
– अलावल खां का मकबरा
– सलीम शाह का मकबरा
– ताराचंडी धाम
– गुप्ताधाम
– तुतला भवानी धाम
– पायलट बाबा धाम
– चाचा फागुमल गुरुद्वारा
– मांझर कुंड
– धुआं कुंड
– इंद्रपुरी डैम
– दुर्गावती जलाशय