01 November, 2024 (Friday)

असम के बाद जम्मू-कश्मीर में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.2 मापी गई

असम के दक्षिण सलमारा मनकाचर में बुधवार की दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 मापी गई है. हालांकि, इलाके में किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है. बताया जा रहा है कि भूकंप दोपहर दो बजकर 59 मिनट पर आया और इसकी गहराई 10 किलोमीटर अंदर थी. भूकंप आते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए.

असम के बाद जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोगों ने कई करीब चार बजकर दो मिनट परल कई सेकंड तक तक झटके महसूस किए. जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज का हवाले से कश्मीर मौसम विभाग ने बताया कि भूकंप का एपिक सेंटर अफगानिस्तान में और इसकी गहराई 132 किलोमीटर थी. वहीं, तीव्रता 5.2 मापी गई. हालांकि कहीं से किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है.

इससे पहले असम के गोलपारा में सात जुलाई को सुबह 8.45 बजे भूकंप आया थी, जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.2 रही थी. अभी हाल ही में राजस्थान के बीकानेर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. 21 जुलाई को सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर भूकंप के झटकों से इलाके में हड़कंप मच गया था. नेशनल सिस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.3 मापी थी. जिस वक्त भूकंप आया ज्यादा तर लोग घरों में सो रहे थे. वहीं, बीकानेर के साथ ही मेघालय में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. यहां पर रात को करीब 2 बजकर 10 मिनट पर भूकंप आया. यह भूकंप पश्चिम गारो हिल्स में महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 दर्ज की गई थी.

जानिए भूकंप आने की वजह?

दरअसल, पृथ्वी कई लेयर में बंटी है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स आपस में फंसी हुई होती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती हैं, जिस वजह से भूकंप आता है. कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है. भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह ये ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम. इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है. इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है.

भूकंप आने पर ऐसे करें बचाव

1- भूकंप के झटके महसूस हों, वैसे ही आप किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाएं और कस कर पकड़ लें.
2- जब तक झटके जारी रहें या आप सुनिश्चित न कर लें कि आप सुरक्षित ढंग से बाहर निकल सकते हैं, तब तक एक ही जगह बैठे रहें.
3- अगर ऊंची इमारत में रहते हैं तो खिड़की से दूर रहें.
4- बिस्‍तर पर हैं तो वहीं रहें और उसे कसकर पकड़ लें. अपने सिर पर तकिया रख लें.
5- अगर आप बाहर हैं तो किसी खाली स्‍थान पर चले जाएं यानी बिल्डिंग, मकान, पेड़, बिजली के खंभों से दूर.
6- कार चला रहे हैं तो कार धीमी करें और एक खाली स्‍थान पर ले जाकर पार्क कर दें.
7- अगर आप बाहर, सड़क पर या बाजार में हो तो पास में मैदान या खुली जगह में पहुंच जाएं.
8- ऊंची बिल्डिंगों के करीब न रहें और उनसे दूर चले जाएं.
9- कहीं अंदर फंस गए हैं तो दौड़ें नहीं, इससे और तेज झटके लग सकते हैं.
10- पेड़ों से और बिजली के तारों से दूर रहने की कोशिश करें.

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