राजनयिक परिसरों में तोड़फोड़ की कोशिश पर उठाए उचित कदम : विदेश मंत्रालय



विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को बताया कि हाल में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसमें कट्टरपंथी तत्वों ने विदेश में स्थित भारतीय राजनयिक परिसरों (Diplomatic Premises) में तोड़ फोड़ की कोशिश की। उन्होंने कहा कि ऐसी कोशिशों के खिलाफ उचित कदम उठाए गए। यह बयान अमेरिका समेत कुछ भारतीय मिशनों (Embassy) के बाहर खालिस्तान समर्थक कुछ समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शनों की रिपोर्टो के बीच आया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि भारत विदेश में अपने राजनयिकों और उनके काम करने व रहने वाले परिसरों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा, ‘पर्याप्त सुरक्षा की उपलब्धता के लिए हम स्थानीय अधिकारियों और मेजबान सरकार के साथ करीबी तालमेल से काम करते हैं। हाल में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जिसमें कट्टरपंथी तत्वों ने विदेश में राजनयिक परिसरों में तोड़फोड़ करने और मिशनों के कामकाज को बाधित करने की कोशिश की।’
महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर
बागची ने कहा कि वाशिंगटन में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर करने की कोशिश भी की गई। उन्होंने कहा, ‘हमने इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को मेजबान सरकार के समक्ष उठाया और अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। हमने इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ विस्तृत जांच और कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने का अनुरोध किया है।’
बीजिंग में शीतकालीन ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत की राजनयिक उपस्थिति के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में बागची ने कहा कि उनके पास इस बारे में कोई सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि शीतकालीन ओलिंपिक के लिए भारत के एक एथलीट ने क्वालीफाई किया है। इसके अलावा अफगानिस्तान के मुद्दे पर अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार अफगान लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें खाद्यान्न, कोरोना वैक्सीन और जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में अफगानिस्तान को 3.6 टन चिकित्सा सहायता और कोरोना वैक्सीन की पांच लाख डोजों की आपूर्ति की गई है।